बिलासपुर। राम रथ यात्रा चैतुरगढ़ से प्रारंभ होकर पोड़ी पहुंची। रात्रि विश्राम के बाद मंगलवार को नगर पंचायत पाली पहुंची। यहां नया बस स्टैंड में युवा डडसेना समाज ने फलों का वितरण किया। वही ऐतिहासिक शिव मंदिर चौक पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के छात्र-छात्राओं ने पुष्प अर्पित कर स्वागत किया।
पाली में जगह-जगह धूप दीप पुष्प माला, अगरबत्ती, नारियल से श्री राम की पूजा अर्चना की गई। डूमरकछार चौक ,माखनपुर, बनबाधा , होते हुए चैतमा में रात्रि विश्राम हुआ । श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण राष्ट्रीय स्वाभिमान की पुनर प्रतिष्ठा श्री राम धर्म के मूर्तिमंत स्वरूप हैं, वह भारत की आत्मा है।
श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य श्रीराम मंदिर भारतीय मंकी सास्वत प्रेरणा है। इसके लिए राम भक्तों ने 492 वर्षों तक अनवरत संघर्ष किया है। अतीत के 76 संघर्षों में चार लाख से अधिक राम भक्तों ने बलिदान दिया। लगभग 36 वर्षों के सुसुत्र श्रृंखलाबद्ध अभियानों के फल स्वरुप संपूर्ण समाज ने लिंग, जाति, वर्ग, भाषा, संप्रदाय क्षेत्र आदि वेदों से ऊपर उठकर एक आत्मा भाव से श्रीराम मंदिर के लिए त्याग और बलिदान किया।
छत्तीसगढ़ की पावन धरती से रामजी का ननिहाल है, इस कारण राम के साथ छत्तीसगढ़ के माटी का विशेष संबंध है। यह हमारे लिए स्वाभिमान का विषय है ,इसलिए इस अभिमान को सफल बनाने का हमारा विशेष दायित्व भी है। छत्तीसगढ़ की भाषा श्रीराम की पावन जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए मुक्त हस्त से सहयोग देकर मामा -मामी का धर्म निभाएं।