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प्रतिभाएं केवल शहरों में ही नहीं बल्कि बस्तर के वनांचल में भी होती है पैदा-गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह

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माओवाद प्रभावी क्षेत्रों में शांति स्थापित करने में सी.आर.पी.एफ. की महत्वपूर्ण भूमिका
सी.आर.पी.एफ. के बस्तरिया बटालियन का दीक्षांत समारोह सम्पन्न

केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि प्रतिभाएं केवल शहरों और आलिशान अट्टालिकाओं में रहने वाले सुख-सुविधा सम्पन्न लोगों में ही नहीं पैदा होती है, अपितु बस्तर जैसे सुदूरू ग्रामीण वनांचल के क्षेत्रों के लोगों में भी प्रतिभा पैदा होती है। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय सुरक्षा बल और पुलिस बल के बेहतर समन्वय से अच्छा कार्य कर माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित की जा रही है। केन्द्रीय गृहमंत्री श्री सिंह आज सरगुजा जिले के केपी ग्राम स्थित केन्द्रीय सुरक्षा बल के 241 वीं बटालियन के अतिरिक्त प्रशिक्षण सेंटर में बस्तरिया बटालियन के दीक्षांत परेड समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले जवानों को सम्मानित किया।

केन्द्रीय गृहमंत्री श्री सिंह ने बस्तरिया बटालियन के पासिंग आउट परेड में शामिल हुए जवानों के परिवारजनों का अभिनंदन करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसे साहसी लाल पैदा किए हैं। उन्होंने कहा कि बस्तरिया बटालियन के परेड को देखकर वेे बहुत गौरवान्वित हुए हैं। श्री सिंह ने कहा कि आदिवासी समाज बहुत देशभक्त है और हर चुनौती के समय हमेशा उनका योगदान रहा है, इसलिए नियमों को शिथिल कर बस्तर क्षेत्र के नवजवानों को बस्तरिया बटालियन में भर्ती होने का अवसर प्रदान किया गया। उन्होंने कहा कि माओवादी एवं उग्रवाद आज देश के लिए संकट है, लेकिन केन्द्रीय सुरक्षा बल और पुलिस के समन्वय से बेहतर कार्य करने के कारण माओवाद, आतंकवाद एवं उग्रवाद आदि से होने वाले शहादत में 53 से 55 प्रतिशत की कमी आई है तथा इनके भौगौलिक क्षेत्र में  भी 40 से 45 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने कहा कि माओवादी ताकतें नहीं चाहती हैं कि बस्तर जैसे दूर-दराज के क्षेत्रों का विकास हो  और वे चाहते हैं कि आदिवासी गरीब ही बने रहें। श्री सिंह ने कहा कि नक्सलियों के नेता और उनके परिवार के पास सभी सुविधाएं हैं तथा उनके बच्चे बड़े-बड़े स्कूलों  और विदेशो में पढ़ाई कर रहे हैं और वे आदिवासियों को विकास से दूर रखना चाहते हैं।

केन्द्रीय गृहमंत्री श्री सिंह ने कहा है कि निरीह और बेबस आदिवासियों का खून बहाने वाले माओवादियोें को अवश्य दण्डित किया जाएगा तथा उन्हें कदापि नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने केन्द्रीय सुरक्षा बल का प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले जवानों से कहा है कि वे  अब सी.आर.पी.एफ. के महत्वपूर्ण अंग बन गए हैं और वे अपना काम बेहतर ढंग से कर शोहरत हासिल करें। उन्होंने कहा कि कश्मीर में भी सी.आर.पी.एफ. और सेना मिलकर अलगाव वादियों का डट कर मुकाबला कर रहे हैं। पहले सी.आर.पी.एफ. के बारे में ग्रामीणजनों को जानकारी नहीं होती थी, लेकिन अब देशभर के लोगों में यह विश्वास पैदा हो गया है कि सी.आर.पी.एफ. के जवान जिस कार्य को हाथ में लेते हैं उसमें अवश्य सफलता हासिल करते हैं और विजय प्राप्त करते हैं। केन्द्रीय गृहमंत्री ने सी.आर.पी.एफ. के जवानों के परिवार के सदस्यों से कहा कि हर संकट की घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि जान की भरपाई तो नहीं की जा सकती लेकिन अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों का न्यौछावर करने वाले शहीदों के परिवारजनों को अब कम से कम एक करोड़ रूपए एक्सग्रेसिया की राशि दी जाएगी। उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से घायल और अंग-भंग हुए जवानों को भी उचित सहायता राषि दी जाएगी। गृहमंत्री श्री सिंह ने कहा कि छŸाीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह बस्तर जैसे आदिवासी क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास करना चाहते हैं और उन्हें जो भी सहयोग की आवश्यकता होगी केन्द्र शासन द्वारा हर संभव सहयोग दिया जाएगा। श्री सिंह ने बताया कि शहीद जवानों के परिवारजनों की सहायता के लिए समस्या निवारण सेल का गठन किया गया है। कार्यक्रम के प्रारंभ में केन्द्रीय गृहमंत्री श्री सिंह ने परेड का निरीक्षण किया और पासिंग आउट परेड की सलामी ली।

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