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सरगुजा संभाग में रुक-रुक कर हो रही हल्की बारिश ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया, खलिहान में रखी धान की फसल भीगी, सब्जीवर्गीय फसलों को भी नुकसान….

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बिलासपुर। : सरगुजा संभाग में रुक-रुक कर हो रही हल्की बारिश ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। दक्षिण भारत में सक्रिय ‘निवार’ चक्रवात का असर उत्तरी छत्तीसगढ़ में प्रभावी साबित हो रहा है। अंबिकापुर में पिछले 10 घंटे में 16 मिमी बारिश हो चुकी है। लगातार हो रही बारिश से खेतों में पक चुकी पतले किस्म की धान की फसल और खलिहानों में काट कर रखी गई धान की खरही भीग गई है। इधर बादल, बारिश के कारण सब्जी वर्गीय फसलों को भी नुकसान होना तय है। यही नही रबी की खेती की तैयारी में जुटे किसान अब बारिश के चलते गेहूं और आलू की खेती तत्काल नहीं कर पाएंगे। अब किसानों को गेहूं और आलू लगाने के लिए मौसम साफ होने का इंतजार करना होगा। मौसम विभाग ने आज दिन भर बादल छाए रहने और हल्की बारिश की संभावना जताई है, हालांकि शाम होते-होते बादलों का डेरा हट जाएगा।

करीब 10 दिन पहले बेमौसम बारिश ने किसानों को परेशानी में डाल दिया था और अब फिर से हो रही बारिश इनके लिए किसी आफत से कम नहीं हैं। इन दिनों सरगुजा संभाग में धान की कटाई जोर शोर से चल रही है। अधिकांश जगहों पर मोटे किस्म की धान की कटाई लगभग पूरी हो चुकी है। पतले व सुगंधित धान की फसल ही सिर्फ खेत में नजर आ रही है, जो लंबी अवधि में पकने के कारण काटी नहीं गई है। काटी गई धान की फसल खलिहान में पहुंच चुकी है। किसान मिसाई के साथ बोरियों में धान रख रहे हैं ताकि एक दिसंबर से धान खरीदी शुरू होने से पहले उनकी तैयारी पूरी रहे। अब बारिश ने किसानों का काम रोक दिया है।

दक्षिण भारत में सक्रिय निवार तूफान का असर सरगुजा संभाग में व्यापक रूप में देखने को मिल रहा है। मौसम विभाग ने पहले ही संभावना जताई थी कि इस चक्रवात के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में बादल छाए रहेंगे और हल्की बूंदाबांदी हो सकती है लेकिन चक्रवात ने अपना ज्यादा ही असर दिखाया और गुरुवार देर रात से ही रुक रुक कर हल्की बारिश सरगुजा संभाग में हो रही है। खेतों में काटी गई फसल बारिश में भीग गई है। इधर खलिहान में काट कर रखी गई फसल को पानी से भीगने से बचाने किसान पॉलीथिन, तिरपाल का सहारा ले रहे हैं ताकि उसे किसी तरह पानी से बचाया जा सके। इस बारिश में खेतों में पक चुकी धान की पतली किस्म की फसल ज्यादा लंबी होने के कारण वह हवा और बारिश के कारण खेत में ही पसर गई है। इससे धान की बालियां खेत में झड़ने की संभावना है। इसी फसल को बारिश से ज्यादा नुकसान होने की संभावना है।

सब्जियों की फसल को होगा ज्यादा नुकसान

सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के लिए बारिश और बादल वैसे भी आफत कारण होती है। टमाटर, धनिया पत्ती गोभी जैसी सब्जियों को बारिश और बादल से नुकसान पहुंचता है। इसमें गलन रोग उत्पन्न होता है जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है। बड़ी मुश्किल से महंगे दामों में आलू और गेहूं बीज का जुगाड़ कर खेत की तैयारी कर चुके किसान बारिश के कारण परेशानी में पड़ गए हैं। अब वे बारिश के कारण हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं। जिन किसानों ने आलू और गेहूं की खेती कर दी है उनके लिए बारिश काफी नुकसानदायक साबित होगी। अब खेत गीली होने के कारण किसानों को तेज धूप का इंतजार करना होगा तभी वे गेहूं या आलू की खेती कर पाएंगे। इससे यह दोनों खेती के पिछड़ने की संभावना है।

आज दिन भर मौसम से राहत मिलने की संभावना कम है। शाम होने के बाद बादल छंटने के बाद बारिश से राहत मिल सकती है। लेकिन 29 नवंबर के आसपास बंगाल की खाड़ी में एक और अवतार जन्म ले रहा है जो बंगाल की खाड़ी से पश्चिम दिशा की ओर आगे बढ़ेगा। यानी आने वाले कुछ दिनों के बाद भी फिर से किसानों को खराब मौसम का सामना करना पड़ सकता है।

– एएम भट्ट, मौसम विज्ञानी

बारिश और आसमान में छाए बादल से सब्जीवर्गीय फसलों को नुकसान हो सकता है। इससे गलन और फंगसजनित बीमारी होती है। खेतों में खड़ी धान की फसल को ज्यादा नुकसान होने की संभावना कम है लेकिन कटकर खेत में पड़ी फसल को बारिश से नुकसान हो सकता है। खलिहान में रखी फसल को अभी किसान भाई ढंककर रखें। मौसम खुलने के बाद ही मिसाई शुरू करें।