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कोरबा : कोरोना से एक ही दिन में रिकार्ड इतने लोगो की हुई मौत…

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कोरबा । शनिवार को शहर के तीन कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई और 213 नए मरीज मिले। जिले में अब तक एक दिन में मरने वालों की यह सर्वाधिक संख्या है। मृतकों की संख्या अब 31 हो गई है। पाजिटिव के अलावा गंभीर मरीजों में भी लगातार इजापᆬा हो रहा है। कोविड अस्पताल में दाखिल 70 में नौ वेंटिलेटर और तीप आक्सीजन पर हैं। लगातार जारी पिᆬजिकल डिस्टेंस उल्लंघन का दुष्परिणाम अब सामने आने लगा है।

जिले में आठ दिन तक जारी लॉकडाउन के बाद कोरोना चेन टूटने का नाम नहीं ले रहा। गंभीर और सामान्य मरीजों में हो रही बढ़ोतरी चिंता का विषय बना हुआ है। मरने वालों में सभी 50 से अधिक आयु वर्ग के हैं। मृतक शहर के ही बुधवारी, पथर्रीपारा और महाराणा प्रताप नगर निवासी थे। तीनों को कोविड अस्पताल में दाखिल किया गया था। पिᆬजिकल डिस्टेंस की अवहेलना बाजार में जारी है। नियम पालन को लेकर आम लोगों में सतर्कता नहीं बरते जाने का परिणाम उन्हीं को भुगतना पड़ रहा है। लॉकडाउन की तिथि 23 सितंबर से दो अक्टूबर तक निर्धारित की गई थी। समय से पहले अनलॉक करने के प्रशानिक निर्णय को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लगाया गया लॉकडाउन पाजिटिव रिपोर्ट बढ़ने से बेअसर साबित हुआ है। लगातार पाजिटिव मरीज की संख्या में इजापᆬा से अब प्रशासन ने भी मरीजों को अस्पताल में रखने की बजाय होम क्वारंटाइन की राह अपना लिया है। होम क्वारंटाइन की सुविधा ले रहे मरीजों को समय पर दवा की आपूर्ति नहीं हो रही है। प्रशासन की ओर से अब तक दवा आपूर्ति के लिए रूटिन चेन तैयार नहीं की गई है। ऐसे में मरीज के परिजनों में दवा के लिए भटकाव की स्थिति हो रही है। वास्तविकता यह है दवा आपूर्ति के लिए अभी भी ब्लॉकवार कर्मचारियों की नियुक्ति नहीं की गई है। यही वजह है कि मरीजों को निर्धारित समय पर आराम नहीं मिल रहा। सरकारी के बाद अब कोरोना पॉजिटिव मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों के हाथ सौंप दिया गया है। यहां स्मार्ट कार्ड से इलाज होगा या नहीं इसके संबंध में कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। ऐसे में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के संक्रमितों के लिए सुविधाएं ले पाना मुश्किल है। अस्पताल में इलाज की उपलब्ध सुविधाएं और शुल्क स्पष्ट नहीं किए जाने से लोगों के लिए दुविधा बनी हुई है। सरकारी कोविड अस्पताल में कोरोना के साथ अन्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को चिकित्सा सुविधा के लिए प्रशासन ने अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया है।

-सख्ती से नियम पालन का निर्णय कापᆬूर

लॉकडाउन खत्म करने के पहले जिला प्रशासन ने अनलॉक के दौरान कोविड का सख्ती से पालन का निर्णय लिया। जमीनी स्तर पर पालन कराने की कवायद पूरी तरह से पᆬीकी नजर आ रही। शहर के प्रतिष्ठानों को सुबह सात से रात आठ बजे तक संचालित किया जाना है, लेकिन समय सीमा के बाद भी सड़क में चहल पहल जारी रहती है। वर्तमान में प्रतिदिन औसतन 1,000 मरीजों का सैंपल लिया जा रहा है। टेस्ट सैंपल बढ़ने से रिपोर्ट में भी इजापᆬा हो रहा है। ऐसे में नेगेटिव के साथ पाजिटिव मरीजों के बढ़ने का क्रम जारी है। प्रभारी अधिकारी की मानें तो 1,800 से भी अधिक मरीज रिकवर होकर घर वापस हो चुके हैं। शेष होम क्वारंटाइन और अस्पतालों में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं।

-संक्रमितों के अन्य बीमारी का नहीं हो रहा इलाज

शहर के साथ उपनगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में जारी संक्रमण विस्तार ने आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। संक्रमित मरीजों में दीगर बीमारी से पीड़ित मरीजों का सही इलाज नहीं हो रहा। इससे मौत के आंकड़ों में भी इजापᆬा होने लगा है। मृतकों में केवल बुजुर्ग ही नहीं बल्कि युवा भी शामिल हैं। ऐसे में मृत्यु आंकड़ा में नियंत्रण नहीं होना भी विडंबना बनी हुई है। पाली, छुरी और दीपका, उमरेली, पसान जैसे नगरीय व ग्रामीण निकायों में पाजिटिव की संख्या नहीं के बतौर थी। जिस तरह से अब संख्या बढ़ती जा रही है, उससे होम क्वारंटाइन मरीजों में इजापᆬा हो रहा है।

-पिछले दस दिनों में संक्रमण और मौत

दिनांक-पॉजिटिव-मृत्यु

24 सितंबर-160-1

25 सितंबर-64-0

26 सितंबर-244-0

27 सितंबर-100-1

28 सितंबर-160-2

29 सितंबर-186-2

30 सितंबर-155-0

1 अक्टूबर-117-0

2 अक्टूबर-194-0

3 अक्टूबर-213-3