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कोरबा : पंप हाउस में संचालित अंग्रेजी मीडियम स्कूल अब स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय कहा जाएगा…

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कोरबा । पंप हाउस में संचालित अंग्रेजी मीडियम स्कूल अब स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय कहा जाएगा। कोरबा समेत प्रदेशभर में स्कूल आफ एक्सीलेंस के संचालित शासकीय शैक्षणिक संस्था के नए नाम का प्रचलन शुरू करने राज्य शासन से आदेश जारी कर दिए गए हैं। अब यह विद्यालय इसी नाम से पुकारा व लिखा जाएगा।

आर्थिक मुश्किलों से घिरे मध्यम व निम्न आय वर्ग के परिवार अपने बच्चों को निजी क्षेत्र के बड़े स्कूलों में नहीं पढ़ा पाते। ऐसे ही वर्ग के बच्चों को केंद्रित कर प्रदेश सरकार ने उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल की योजना शुरू की है। इसी क्रम में कोरबा का पहला विद्यालय जिला मुख्यालय स्थित एसईसीएल पंप हाउस कालोनी के मध्य संचालित है। इसके बाद दो अन्य स्थानों में भी यह स्कूल शुरू करने की कवायद जारी है। जरूरतमंद वर्ग के पालकों के लिए बच्चों को केंद्रीय बोर्ड की उम्दा पढ़ाई कराने का मौका इस विद्यालय में मिल रहा है। यह शासन की विशेष शिक्षा गुणवत्ता योजना के तहत केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (सीबीएसई) प्रणाली से संचालित अंग्रेजी माध्यम संस्था है।

कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय पंप हाउस में शनिवार को कक्षा दसवीं के पालक एवं छात्र-छात्राओं के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। विद्यालय में आयोजित यह विद्यार्थियों व उनके पालकों के साथ शिक्षकों की प्रथम बैठक थी, इसलिए कार्यक्रम की शुरुआत में शिक्षकों के साथ छात्र-अभिभावकों का परिचय भी प्राप्त किया गया। बैठक में छात्र-छात्राओं को छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर से प्राप्त दिशा-निर्देश के अनुसार बताए गए असाइनमेंट निर्धारित अवधि में पूर्ण करने के संबंध में जानकारी प्रदान की गई।

इसके साथ ही आनलाइन कक्षाओं में छात्र-छात्राओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने पालकों से चर्चा की गई। उन्हें बताया गया कि आनलाइन कक्षाओं में विद्यार्थियों की उपस्थिति को ही विद्यालय की उपस्थिति मानी जाएगी। संबंधित कक्षा के छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों को बताते हुए उपस्थिति हर हाल में सुनिश्चित करने कहा गया। उत्कृष्ट विद्यालय के उद्देश्यों एवं शत प्रतिशत परिणाम प्राप्त करने के लिए छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को संस्था के प्राचार्य विवेक लांडे, व्याख्याता किरण दुबे, सपना द्विवेदी, वंदना सोनी व चंद्रेश दुबे की ओर से मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

स्वामी आत्मानंद का जन्म रायपुर जिले के बरबंदा गांव में छह अक्टूबर 1929 को हुआ। उनका नाम तुलेंद्र रखा गया। वर्ष 1957 में रामकृष्ण मिशन के महाध्यक्ष स्वामी शंकरानंद ने तुलेंद्र की प्रतिभा, विलक्षणता, सेवा और समर्पण से प्रभावित होकर ब्रह्मचर्य में दीक्षित किया और उन्हें नया नाम दिया। अपने आप में निरंतर विकास और साधना सिद्धि के लिए वे हिमालय स्थित स्वर्गाश्रम में एक वर्ष तक कठिन साधना कर वापस रायपुर आए। स्वामी भास्करेश्वरानंद के सानिध्य में उन्होंने संस्कार की शिक्षा ग्रहण की और यहीं पर उन्हें स्वामी आत्मानंद का नाम मिला। उनके पिता धनीराम वर्मा बरबंदा गांव के पास के स्कूल में शिक्षक थे।