जगदलपुर | शहर के युवाओं और समाजसेवियों ने सोमवार को भीड़भाड़ वाले गोलबाजार चौक में नक्सलवाद का पुतला फूंका और नक्सलियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। नक्सलवाद के खिलाफ जागरूकता अभियान से जुड़े संपत झा, किशोर पारख, अमर झा आदि युवाओं ने बाहरी नक्सलियों पर बस्तर में निर्दोष आदिवासियों की हत्या कराने का आरोप लगाया। पुतला दहन के बाद मीडिया से चर्चा करते इन युवाओं का कहना था कि बस्तर में नक्सली अपने खिसकते जनाधार से बौखला गए हैं और निर्दोष आदिवासियों की हत्या कराकर दहशत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। पिछले दिनों बीजापुर जिले में लगातार हुई आदिवासियों की हत्या और दो दिन पहले नगननार थाना क्षेत्र के गुमलवाड़ा में निर्दोष आदिवासी की हत्या से एक बार फिर साफ हो गया है कि नक्सलियों को कोई सिद्धांत नहीं है। ये लूट, खसोट, लेव्ही वसूली के साथ ही अपने बचे खुचे जनाधार को बचाए रखनें के लिए कायराना करतूत पर उतर आए हैं। बाहरी नक्सलियों द्वारा हाल ही में माओवाद से जुड़े अपने ही साथी स्थानीय आदिवासी विज्जा की बेरहमी से हत्या कर दी गई। विज्जा ने निर्दोष आदिवासियों की मौत की सजा देने का विरोध किया था। बाहरी नक्सली बस्तर का विकास नहीं चाहते और नक्सलवाद की आड़ में अपना स्वार्थ सिद्ध करना ही इनका ध्येय रह गया है। समाजसेवियों ने कहा कि बस्तर में शांति और विकास के लिए नक्सलवाद का विरोध किया जाना चाहिए। तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के माओवाद से जुड़े बड़े नक्सली लीडर अपने राज्य में समर्पण कर देते हैं और बस्तर के भटके युवा यदि नक्सलवाद को छोड़कर मुख्यधारा में लौटते हैं तो नक्सलियों के द्वारा उनकी बेरहमी से हत्या करा देते हैं। पुतला दहन के दौरान प्रदर्शन में दशरथ कश्यप, मुरली वाधवानी, शैलेंद्र साहू, शिवलाल बिंदेश, मुन्ना ठाकुर, गुलशन टीकम, ईश्वर सर्वेश, रिकी पटनायक, रामशंकर राठौर, रामकेश, मुकेश, किशन यादव आदि शामिल थे।