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उत्तर छत्तीसगढ़ में मक्का और धान की फसल को रौंद कर बर्बाद कर रहे हाथी……

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उदयपुर विकासखंड के लक्ष्मणगढ़ इलाके में हाथियों का उत्पात जारी है। पिछले चार दिनों से हाथियों का दल लक्ष्मणगढ़ और आसपास के गांव में मक्के और धान की फसल को बर्बाद कर रहा है। हाथी पास के करमकटरा जंगल में डटे हुए हैं। सात हाथियों का यह दल कुछ दिन पहले कोरिया जिले से प्रवेश करते हुए प्रेमनगर और फिर उदयपुर वन परिक्षेत्र में पहुंचा है। हाथियों का दल हर साल इस इलाके में धान की खेती होने के बाद पहुंचता है।

ग्रामीणों के अनुसार हाथी करमकटरा जंगल से रोज शाम होते ही नीचे उतरते हैं और लक्ष्मणगढ़, फुनगी मारडीह, महेशपुर और जगन्नाथपुर इलाके में फसलों को नष्ट कर रहे हैं। लक्ष्मणगढ़ के पास पांच एकड़ में लगी गन्ने की फसल और हाइब्रिड धान की खेती को हाथी ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन दोनों फसलों को रोज हाथी नष्ट कर रहे हैं। फसल लगाने वाले ग्रामीण इस बात से परेशान हैं कि हाथी रोज उन्हीं की फसलों को खाने पहुंच रहे हैं। रातभर फसल को बर्बाद करने के बाद हाथी सुबह होते ही जंगल की ओर चले जाते हैं।

ग्रामीणों ने बताया कि हाथी अभी भी पास के जंगल में डटे हुए हैं। इन हाथियों के अभी वापस या आगे लखनपुर की ओर जाने की संभावना भी नहीं है, क्योंकि इलाके में खाने के लिए पर्याप्त फसल है। हालांकि वन विभाग की टीम हाथियों पर नजर रखे हुए हैं, लेकिन फसलों के नुकसान को भी नहीं रोक पा रही है। उत्तर छत्तीसगढ़ के जंगलों में हाथियों के कई दल वर्षों से रह रहे हैं। यह हाथी दल जंगलों से निकल कर आस-पास के गांवों तक पहुंच जाते हैं और वहां जान-माल का काफी नुकसान पहुंचाते हैं। इस वजह से यहां हाथी- मानव द्वंद लगातार बढ़ रहा है।