नईदिल्ली। मलेशिया में एक नए प्रकार के कोरोना वायरस का पता चला है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस सामान्य से 10 गुना ज्यादा संक्रामक है। यह वायरस चीन के वुहान में पाए गए सबसे खतरनाक कोविड के प्रकार से भी ज्यादा घातक है। खबरों के मुताबिक, यह वायरस सबसे पहले भारतीय मूल के एक रेस्त्रां मालिक में पाया गया, जिसे मलेशियाई सरकार ने होम क्वारंटीन का उल्लंघन करने के आरोप में पांच महीने जेल और जुर्माना की सजा सुनाई थी।
इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च (IMR) ने सिवागंगा क्लस्टर मलेशिया में D614G प्रकार के वायरस का पता लगाया है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए वहां के स्वास्थ्य महानिदेशक दातुक डॉ. नूर हिशाम अब्दुल्ला ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि D614G म्यूटेशन पहली बार जुलाई में पाया गया था। यह इतना खतरनाक है कि दुनियाभर में वैक्सीन पर चल रही रिसर्च नाकाफी हो सकती है। कई अध्ययनों में कहा गया है वायरस के इस रूप पर कोई भी मौजूदा वैक्सीन प्रभावी नहीं है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह श्वसन मार्ग में अधिक वायरल और संक्रामक प्रतियां पैदा करता है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ज्यादा खतरनाक तरीके से फैल सकता है। D614G को इस वायरस का सुपर स्प्रेडर कहा जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, यह अन्य व्यक्तियों में 10 गुना अधिक तेजी से संक्रमित करने की क्षमता रखता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों और जारी प्रयासों से यह नियंत्रण में है, लेकिन एक बार यदि इस वायरस का प्रसार विस्फोटक रूप में फैल गया तो इसे नियंत्रित करना बहुत मुश्किल हो सकता है।
मलेशिया के स्वास्थ्य महानिदेशक ने अपील की है कि जनता को सतर्क रहना चाहिए और मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, साफ-सफाई जैसे तमाम एहतियात बरतनी चाहिए। कारण कि मलेशिया में पाए गए कोरोना के D614G म्यूटेशन को आम वायरस नहीं कहा जा सकता है। मालूम हो कि बाकि देशों की तुलना में मलेशिया बड़े पैमाने पर वायरस को रोकने में काफी हद तक कामयाब रहा है।