Home News दंतेवाड़ा : मिड-डे मील के लिए संकट में जान : बारिश में...

दंतेवाड़ा : मिड-डे मील के लिए संकट में जान : बारिश में उफनता नाला पार कर रहीं छात्राएं; सूखा राशन लेने 50 किमी पैदल सफर…

23
0

छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा जिले के नकुलनार में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का खामियाजा छात्राओं को भुगतना पड़ सकता है। मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन) लेने के लिए छात्राओं को 50 किमी का पैदल सफर और उफनते नाले को पार करना पड़ा रहा है। इसके बाद वे अपने स्कूल पहुंचती हैं। जबकि राज्य सरकार ने मध्याह्न भोजन हर बच्चे के घर तक पहुंचाने के आदेश दिए हैं।

समेली बालिका आश्रम ने छात्राओं को मध्याह्न भोजन के लिए बुलाया
दरअसल, कुआकोंडा ब्लॉक स्थित समेली कन्या आश्रम उनके यहां पढ़ने वाली छात्राओं को मिड-डे मील का सूखा राशन देने के लिए स्कूल तक बुला रहा है। इसको लेने के लिए तमाम छात्राएं और उनके परिजन मंगलवार को स्कूल पहुंचे थे। इनमें 20 से 25 किमी दूर से बुरगुम, पोटाली, मिच्चीपारा, गायतापारा से आई छात्राएं शामिल रहीं।

सिर पर मध्याह्न भोजन, और मलगेर के उफनते नाले को पार करने का जोखिम
छात्राएं मिड-डे मील ले जाने के लिए सुबह उफनते हुए मलगेर नाले को पार कर पहुंची थीं। स्कूल से सूखा राशन लेने के बाद सिर पर रख फिर वैसे ही नाले को पार करने का जोखिम उठाया। छात्राएं बसंती, बंडी, मंजू, पालो, देवे, बंडी ने बताया कि वे बुरगुम के गायतापारा से समेली आश्रम से मिलने वाला सूखा राशन लेने आए थे। अब वह फिर 25 किमी पैदल लौट रहे हैं।

दो दिन से लगातार हो रही बारिश, परिजनों में नाराजगी
कुआकोंडा क्षेत्र में दो दिन से लगातार बारिश जारी है। इसके चलते नदी-नाले उफान पर हैं।। आश्रम प्रबंधन के छात्राओं को बुलाने पर परिजनों में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि अन्य स्कूल बच्चों को घर राशन दे रहे हैं। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी राजेश कर्मा ने कहा, बच्चो को राशन उनके गांवो में जा कर देना है। प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

शिक्षा से लेकर मध्याह्न भोजन तक सब घर में ही
कोरोना संक्रमण के चलते स्कूलों को बंद रखने के आदेश हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों की पढ़ाई से लेकर मिड-डे मील तक की व्यवस्था घर बैठे ही कर रही है। इससे जहां बच्चों की पढ़ाई का नुकसान न हो और उन्हें पोषक भोजन भी मिल सके। इसके लिए प्रत्येक स्कूली छात्र को सूखा राशन देने का प्रावधान किया गया है।