जयपुर: कोरोना संकट के चलते लॉक डाउन में केंद्र सरकार ने घरेलू गैस के दाम घटाकर राहत दी है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी गिरावट के बाद तेल कंपनियों ने गैस के दाम कम किए हैं. घरेलू गैस का सिलेंडर अब 148 रुपए सस्ता किया गया है. अब इसकी कीमत 583 रुपए रह गई है.
कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम भी हुए कम:
पिछले 3 महीनों से लगातार गैस के दाम कम किए जा रहे हैं. 3 महीने पहले घरेलू गैस का सिलेंडर 845 रुपए का था जो अब 262 रुपए कम होकर 583 रुपए का रह गया है. इसी प्रकार 19 किलो के कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम भी 256 रुपए कम किए गए हैं.
नई दरें हुई आज से प्रभावी:
अब कमर्शियल सिलेंडर 1040 रुपए 50 पैसे का मिलेगा. पिछले 3 महीने की बात करें तो कमर्शियल सिलेंडर की दरों में 436 रुपए 50 पैसे की कमी आई है. 3 महीने पहले इसकी कीमत 1477 रुपए थी. एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन ऑफ राजस्थान के महासचिव कार्तिकेय गौड़ ने बताया कि नई दरें आज से प्रभावी हो गई हैं.
जयपुर: राजस्थान में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती ही जा रही है. पिछले 24 घंटे में प्रदेश में रिकॉर्ड 146 पॉजिटिव केस सामने आए है. इनमे सबसे ज्यादा 97 मरीज जोधपुर में मिले है. इसके अलावा जयपुर में 29, कोटा में 5, अजमेर में 4, चित्तौड़गढ़ में 3, अलवर, बांसवाड़ा और टोंक में 2-2, बारां और धौलपुर में 1-1 संक्रमित मिला. ऐसे में प्रदेश में अब पॉजिटिव मरीजों की संख्या 2584 पहुंच गया है. वहीं 3 लोगों की मौत होने से मौतों का आंकड़ा 58 पहुंच गया है.
33 में से 29 जिलों में पहुंचा कोरोना:
प्रदेश में संक्रमण के सबसे ज्यादा केस जयपुर में हैं. यहां 911 (2 इटली के नागरिक) संक्रमित हैं. इसके अलावा जोधपुर में 557 (इसमें 47 ईरान से आए), कोटा में 197, अजमेर में 150, टोंक में 134, भरतपुर में 111, नागौर में 118, बांसवाड़ा में 66, जैसलमेर में 49 (इसमें 14 ईरान से आए), झुंझुनूं में 42, झालावाड़ में 40, बीकानेर में 37, भीलवाड़ा में 37 मरीज मिले हैं. वहीं दौसा में 21, चूरू में 14, हनुमानगढ़ में 11, सवाईमाधोपुर में 8, चित्तौड़गढ़ में 19, अलवर में 9, डूंगरपुर में 6, सीकर में 6, उदयपुर में 8, धौलपुर में 12, करौली में 3, पाली में 12, बाड़मेर और प्रतापगढ़ में 2-2 कोरोना मरीज मिल चुके हैं. वहीं बारां और राजसमंद में 1-1 संक्रमित मिला है.
बुधवार को आए थे 74 पॉजिटिव मरीज:
इससे पहले बुधवार को 74 नए पॉजिटिव मामले सामने आए. जिसमें जयपुर में 22, जोधपुर में 13, अजमेर में 11, पाली में 9, चित्तौड़गढ़ में 8, कोटा में 3, धौलपुर और भीलवाड़ा में 2-2, नागौर, भरतपुर, उदयपुर और बांसवाड़ा में 1-1 संक्रमित मिला.
जयपुर: लॉकडाउन के बीच राजनीतिक नियुक्तियों की सुगबुगाहट देखी जा रही है. बेहद जरुरी नियुक्तियों को फिलहाल अमलीजामा पहनाया जा रहा. विभिन्न समितियों में भी सियासी नियुक्तियां की गई. बीते दो दिन में करीब 1दर्जन नियुक्ति़यां सामने आ चुकी है , इनमें सामाजिक कल्याण आधिकारिकता और देवस्थान से जुड़े आयोग और समितियां शामिल है. इनमें मौटे तौर पर गहलोत समर्थकों को वरियता मिली है.
पहले चरण में संवैधानिक व जरुरी सियासी नियुक्तियां की जाएगी:
विश्वस्त सूत्रों की माने तो आलाकमान ने नियुक्तियों को लेकर अपनी मंजूरी दे दी है. पहले चरण में संवैधानिक व जरुरी सियासी नियुक्तियां की जाएगी, इनमें कांग्रेस विचारधारा के कार्यकर्ताओं को मिलेगी नियुक्ति, माना जा रहा सोनिया गांधी व अविनाश पांडे की हरी झंडी भी मिल चुकी, कुछ माह पहले पीसीसी की ओर से नाम अविनाश पांडे को दिये जा चुके.
फिलहाल चैयरमेन बनाने से पहले सदस्य बनाये जायेंगे:
अल्पसंख्यक आयोग,महिला आयोग,आरपीएससी ,श्रम आयोग,उपभोक्ता आयोग सफाई आयोग,एससी एसटी आयोग ,नि:शक्तजन आयोग,किसान आयोग ,ओबीसी आयोग में सदस्यों की नियुक्तियों की संभावना है , फिलहाल चैयरमेन बनाने से पहले सदस्य बनाये जायेंगे.
बाल अधिकारिता निरीक्षण समिति में राजस्थान के दिग्गज कांग्रेसी नेता:
राज्य सरकार की ओर से बुधवार रात बाल अधिकारिता निरीक्षण समिति और वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा समिति में और बाल संरक्षण आयोग में राजनीतिक नियुक्तियां कर दी. बाल अधिकारिता निरीक्षण समिति में राजस्थान के दिग्गज कांग्रेसी नेता और दो बार मुख्यमंत्री रहे शिवचरण माथुर की पुत्री वंदना माथुर को सदस्य बनाया गया है. इसी तरह बाल संरक्षण आयोग में शिव भगवान नागा, वंदना दुबे और नुसरत नकवी को सदस्य नियुक्त किया गया है. वरिष्ठ नागरिक तीर्थ यात्रा राज्य स्तरीय समिति में कांग्रेस विधायक इंद्राज गुर्जर, पूर्व विधायक रमेश पंड्या, वरिष्ठ कांग्रेसी वीरेंद्र पूनियां और रणधीर सिंह को सदस्य नियुक्त किया गया है.
लॉकडाउन के चलते राजनीतिक नियुक्तियां रोक दी गई थीं:
कुछ महिने पहले कांग्रेस आलाकमान ने सत्ता और संगठन को जिला और राज्य स्तरीय निगम-बोर्डों, आयोगों और समितियों में 31 मार्च तक सभी राजनीतिक नियुक्तियां करने का आदेश जारी किया था, लेकिन इसी बीच कोरोना संकट और लॉकडाउन के चलते राजनीतिक नियुक्तियां रोक दी गई थीं.
पायलट ने कोरोना वारियर्स का हौंसला बढाया:
उधर सियासी नियुक्तियों की चर्चाओं के बीच डिप्टी सीएम और पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने उन कोरोना वारियर्स का हौंसला बढाया जो स्वास्थ्य, पुलिस, प्रशासनिक और सामाजिक गतिविधियों के तहत कोरोना के खिलाफ जंग में अपनी अमूल्य सेवाएं दे रहे है, पायलट ने इनका सम्मान करना और हौंसला बढ़ाना चाहिये.
…फर्स्ट इंडिया के लिए योगेश शर्मा की रिपोर्ट
जयपुर: प्रदेश में लगातार मौसम में उतार चढ़ाव जारी है. कभी तेज़ हवाएं तो कही हलकी बारिश. वहीं मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक कई जिलों में अंधड़ और बारिश की चेतावनी जारी की है. वहीं बीती रात पारे में गिरावट से गर्मी के तेवर भी नरम हुए.
15 से ज्यादा जिलों में मौसम विभाग की चेतावनी:
प्रदेश में अप्रैल माह में गर्मी के तेवर नर्म रहे हैं वहीं अगले पांच दिन और चक्रवाती तंत्र प्रभावी रहने पर गर्मी की रफ्तार सुस्त रहने की आशंका है. मौसम विभाग ने उत्तर पश्चिमी इलाकों में चक्रवाती तंत्र सक्रिय रहने पर प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में अंधड़ चलने और मेघगर्जन के साथ बारिश और ओलावृष्टि होने की चेतावनी दी है. बीते 24 घंटे में पश्चिमी इलाकों में दिन के तापमान में पारा 42 डिग्री के पार जा पहुंचा लेकिन बीती शाम से मौसम ने पलटा खाया. विंड पैटर्न में अचानक हुए बदलाव के साथ राजधानी जयपुर समेत कई जिलों में तेज रफ्तार से हवा चली. फिर देर रात तक रुक रुक कर बारिश का दौर चला. बारिश और तेज हवा से रात के तापमान में गिरावट भी दर्ज हुई है.
– मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए किया अलर्ट जारी
– इन जिलों में अंधड और बारिश किया अलर्ट जारी
– श्रीगंगानगर,बीकानेर,चूरू, हनुमानगढ़,
– जैसलमेर,जोधपुर, नागौर, बाड़मेर, झुंझुनूं
– सीकर,टोंक, दौसा,भरतपुर, करौली, धौलपुर
– जयपुर,अलवर, बूंदी, कोटा,बारां
– झालावाड़, सवाई माधोपुर,अजमेर
– भीलवाड़ा में किया गया अलर्ट जारी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार मई माह के पहले सप्ताह में भी गर्मी के तेवर प्रदेश के उत्तर पूर्वी इलाकों में नर्म रहने की आशंका है. चक्रवाती तंत्र के असर से लगातार हवा की दिशा में हो रहे बदलाव के कारण पश्चिम से आने वाली गर्म हवा थमी हुई है. हालांकि बीते बुधवार को प्रदेश के पश्चिमी मैदानी इलाकों में गर्मी ने रंग दिखाए और बाड़मेर,जैसलमेर जिलों में दिन का तापमान 42 डिग्री या उससे ज्यादा रेकॉर्ड दर्ज हुआ. वहीं अगले 24 घंटे में प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में अंधड़ चलने और कुछ स्थानों पर बारिश के साथ ओलावृष्टि होने की संभावना है.
जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने टोल नाका संचालक की ओर से मासिक किश्त जमा नहीं करवाने पर एक करोड रुपए से अधिक की बैंक गारंटी भुनाने पर रोक लगा दी है. हाईकोर्ट ने मामले में राज्य रोड विकास एवं निर्माण निगम लि. को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिकाकर्ता ने कहा था कि वह कोविड-19 संक्रमण की वजह से लॉकडाउन होने से किश्त जमा नहीं करवा सका है जबकि उसके पहले की किश्त समय पर जमा की है.
कोरोना के चलते वह मार्च की किश्त जमा नहीं करवा पाया:
याचिकाकर्ता के पास कोटा-सांगोद-कवाई-धरनावाडा रोड पर टोल वसूली का ठेका है. उसने गत फरवरी माह तक की मासिक किश्त जमा करवा रखी है. कोरोना के चलते वह मार्च की किश्त जमा नहीं करवा पाया. जिस पर रोड विकास निर्माण निगम ने नोटिस जारी कर उसकी एक करोड आठ लाख रुपए की बैंक गांरटी भुनाने की कार्रवाई आरंभ कर दी. इस कार्रवाई के खिलाफ ठेका कंपनी ने न्यायालय में याचिका दायर की. जिस पर न्यायाधीश एके गौड़ की एकलपीठ ने बैंक गारंटी भुनाने पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
जयपुर: पाली जिले की एक दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग ने दुष्कर्म से गर्भ ठहर जाने के चलते राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गर्भपात की गुहार लगायी है. लॉकउाउन के चलते नाबालिग पीड़िता के ड्राईवर पिता के दूसरे राज्य में फंसे होने के चलते नाबालिग ने पाली जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से सहायता मांगी है. जिस पर विधिक सेवा प्राधिकरण ने पीड़िता की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गर्भपात के लिए अनुमति मांगी है.
20 सप्ताह से अधिक के गर्भपात की अनुमति हाईकोर्ट से ही संभव:
नाबालिग के 20 सप्ताह से अधिक का गर्भ होने के चलते हाईकोर्ट से ही गर्भपात की अनुमति मिल सकती है. प्राधिकरण ने मामले को अति आवश्यक प्रकृति का बताते हुए तत्काल सुनवाई की गुहार की है. पीड़िता के साथ दुष्कर्म कर उसके फोटो खिंचे जाने की बात सामने आयी है. इस मामले में पुलिस थाना रोहट में भी रिपोर्ट दर्ज करवाई है. मामला दर्ज कराने के बाद पीड़िता को अब गर्भवति होने की जानकारी मिली है. गौरतलब है कि रालसा के एक्जीक्यूटीव चैयरमेन जस्टिस संगीत लोढा के निर्देश पर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लॉकडाउन के बीच कई जरूरतमंदो को विधिक सहायता उपलब्ध करा रहा है.
जयपुर: कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए रेलवे द्वारा 3 मई तक सभी यात्री ट्रेनों का संचालन बंद है. इसके बाद भी यानी 4 मई से ट्रेनें चलाने को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी अभय शर्मा ने बताया कि यात्रियों से अपील है कि वे रेलसेवाओं के संचालन पर किसी भी प्रकार की अफवाहों या अटकलों पर ध्यान न दें. संचालन से जुड़ी जानकारी रेलवे के अधिकृत वेब पोर्टल या मीडिया के जरिए यात्रियों को दी जायेगी. फिलहाल ट्रेनों में टिकट बुकिंग भी आगामी आदेश तक बंद है.
यात्रियों के लिए टिकट के रिफंड नियमों में भी विशेष छूट:
ट्रेनों के संचालन को लेकर कोई निर्णय होने पर ही टिकट बुकिंग शुरू की जाएगी. इसके अलावा रेलवे प्रशासन ने यात्रियों के लिए टिकट के रिफंड नियमों में भी विशेष छूट दी है. रेलयात्रियों को भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचाने और सामाजिक दूरी का ध्यान रखने के उद्देश्य से ये बदलाव किए गए हैं. इसके तहत रेलवे काउंटर से लिए गए टिकटों के लिए विशेष मामले के रूप में रिफंड नियमों में 3 माह की अवधि की छूट दी गई है. हालांकि ऑनलाइन बुक हुए ई-टिकटों को ऑनलाइन रद्द किया जा सकता है और इनका रिफंड यात्री के खाते में स्वतः क्रेडिट हो जाएगा.
काउंटर से लिए टिकट के रिफंड नियमों में यह मिली राहत:
– यदि रेलवे द्वारा रद्द की गई है ट्रेन
– यात्रा की तारीख से 3 महीने तक टिकट जमा करने पर रिफंड लिया जा सकता है
– पूर्व नियम में यात्रा के दिन को छोड़कर 3 दिनों में रिफंड लेने के नियम को बदला गया
– यदि ट्रेन रद्द नहीं हुई, लेकिन यात्री, यात्रा नहीं करना चाहता
– TDR यानी टिकट जमा रसीद स्टेशन पर भरकर देनी होगी, इसे यात्रा की तारीख से 3 महीने के भीतर दे सकते हैं
– पहले इसमें भी 3 दिनों का नियम बना हुआ था
– TDR को 2 माह के भीतर CCO/CCM दावा कार्यालय में प्रस्तुत किया जा सकता है, पहले 10 दिनों में करना होता था
– जो यात्री 139 के माध्यम से टिकट रद्द करना चाहते हैं, उन्हें यात्रा की तारीख से 3 महीने के भीतर काउंटर पर रिफंड मिल सकता है.
जयपुर: राज्यपाल एवं कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ हासिल करने के लिए नवीन तकनीक का उपयोग करना आज की आवश्यकता है. कोविड-19 के इस दौर में उच्च शिक्षा पर आये प्रभाव से निपटने के लिए विश्वविद्यालयों को उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग एकजुटता से करना होगा.
शिक्षा नये तरीके से देना अब हमारी प्राथमिकता:
राज्यपाल ने आज राजभवन से उच्च शिक्षा के लिए गठित टास्क फोर्स के सदस्यों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली. राज्यपाल ने कहा कि विश्वविद्यालयों में उच्च गुणवता वाली शिक्षा नये तरीके से देना अब हमारी प्राथमिकता है. कोविड-19 से उत्पन्न परिस्थितियों से उच्च शिक्षा पर आये प्रभावों से विद्यार्थियों को किसी प्रकार का नुकसान नही होने देगे. राज्यपाल ने उनके द्वारा गठित टास्क फोर्स की अनुशंषाओं पर कुलपतियों से चर्चा की. राज्यपाल ने इसके साथ ही पाठयक्रम को अपडेट करने, स्टेट यूनिवर्सिटी मैनेजमेन्ट सिस्टम, लर्निग मैनेजमेन्ट सिस्टम और स्मार्ट विलेज में लोगों को दिये जाने वाले मास्क, सेनेटाइजर और राशन सामग्री के बारे में जानकारी ली.
विद्यार्थियों का अकादमिक वर्ष खराब नहीं होने दिया जायेगा:
राज्यपाल ने कहा कि विद्यार्थियों का अकादमिक वर्ष खराब नहीं होने दिया जायेगा. इसके लिए विश्वविद्यालयों को अकादमिक काउसिलिंग के द्वारा आगामी सत्र में आवश्यक सुधार और कम समय में पाठ्यक्रमों को पूरा करना होगा. विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर भी ऐसे बदलाव करें कि उसका फायदा सामान्य छात्र को आसानी से हो सके. राज्यपाल ने कहा कि हमारे राज्य के 28 लाख छात्र-छात्राओं को कोविड-19 से आये व्यवधान के कारण किसी प्रकार की शैक्षणिक हानि नही होने देगें. उन्होने कहा कि टास्क फोर्स द्वारा दी गई अनुशंषाएं कुलपतियों के लिए नीति निर्धारण में सहायक सिद्व होगी.
जयपुर: प्रदेश में कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के बावजूद स्थिति काबू में है. यह कोई हमारा दावा नहीं, बल्कि चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा का दावा है. चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने रोजाना की समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर प्रदेशभर की स्थित बताई और कहा कि संक्रमण का खतरा दिन ब दिन कम होता जा रहा है. राजस्थान में 3 जिलों में संक्रमण की संख्या शून्य हो चुकी है, जबकि 4 जिले पहले से कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं. यानी फिलहाल राजस्थान में सात जिले ऐसे है, जहां कोरोना का एक भी केस नहीं है.
चिकित्सा विभाग लगातार फील्ड में जुटा हुआ:
राजस्थान में कोरोना की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा दिनरात जुटे हुए है. फिर चाहे जिलों में संसाधनों का बढ़ाने की बात हो या फिर जरूरतमंदों तक चिकित्सा सुविधा पहुंचाने की चुनौती. सीएम गहलोत के निर्देशन में चिकित्सा विभाग लगातार फील्ड में जुटा हुआ है. चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा खुद रोजाना प्रदेशभर की मॉनिटरिंग करते हैं. इसी मॉनिटरिंग के आधार पर चिकित्सा मंत्री ने दावा किया है कि संक्रमण का खतरा दिन ब दिन कम हो रहा है. चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के केवल 7 जिले ही ऐसे हैं, जहां संक्रमितों की संख्या 100 से ज्यादा है. इन जिलों पर विभाग पूरी तरह फोकस कर काम कर रहा है.
– कोरोना संक्रमण में जद से फ्री तीन जिले !
– बीकानेर, चूरू और प्रतापगढ़ जिले की उपलब्धि
– बीकानेर में 36, चूरू में 12 और प्रतापगढ़ में दो मरीज पॉजिटिव से हुए नेगेटिव
– चार जिलों में प्रशासन की सर्तकता से अभी तक नहीं आया एक भी कोरोना का केस
– चिकित्सा मंत्री के दिए डेटा, कहां सात जिलों में संक्रमितों की संख्या 100 के पार है
– जयपुर, अजमेर, भरतपुर, जोधपुर, कोटा, नागौर और टोंक में पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा तीन अंकों में
– लेकिन इन सभी जिलों के लिए अलग एक्शन प्लान बनाकर काम किया जा रहा है
– चिकित्सा मंत्री ने जताई उम्मीद, जल्द ही इन जिलों में भी स्थिति काफी बेहतर होगी
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश के 19 जिलों में कुछेक मामले सामने आ रहे हैं, वे भी उपचार के बाद तेजी से स्वस्थ हो रहे हैं. चिकित्सा मंत्री ने बताया कि 827 लोग पॉजिटिव से नेगेटिव भी हो चुके हैं, जिनमें से 600 लोगों को डिस्चार्ज भी कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि1 हजार से ज्यादा लोग अस्पतालों के वार्डों में भर्ती हैं. आईसीयू के केवल 9 लोग हैं, उनमें से भी केवल 2 लोग वेंटिलेटर पर हैं.
जांचों में लगातार हो रहे इजाफे का जिक्र किया:
चिकित्सा मंत्री ने एकबार फिर जांचों में लगातार हो रहे इजाफे का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान में 8800 जांच प्रतिदिन करने की क्षमता विभाग ने विकसित कर ली है. 1-2 दिन में 10000 जांच प्रतिदिन का लक्ष्य भी पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अभी तक 1 लाख से ज्यादा सैंपल लेकर राजस्थान देश के सर्वाधिक सैंपल लेने वाले राज्यों में शुमार हो गया है.
जितनी ज्यादा जांचें होंगी उतनी ही जल्दी हम इस महामारी से छुटकारा पा सकेंगे:
चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ने ये भी कहा कि विभाग ने जांच की क्षमता में तो इजाफा कर लिया, लेकिन आरएनए एक्सट्रेक्शन किट और पीसीआर किट की थोड़ी कमी है. यदि केंद्र से ये किट बराबर संख्या में मिलती रही तो सैंपल्स की पेडेंसी नहीं रहेगी और इससे कोरोना संक्रमितों की वास्तविक संख्या का पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि जितनी ज्यादा जांचें होंगी उतनी ही जल्दी हम इस महामारी से छुटकारा पा सकेंगे.