Home News घर जाने 250 KM पैदल चले, रास्ता नहीं मिला तो जोखिम उठा...

घर जाने 250 KM पैदल चले, रास्ता नहीं मिला तो जोखिम उठा नदी में कूद गए मजदूर…

6
0

सुकमा. कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कई साइड भी इफेक्ट सामने आ रहे हैं. अपने घर के लिए 250 किमी पैदल चलकर छत्तीसगढ़ के सुकमा पहुंचे 6 मजदूरों का सब्र उस वक्त टूट गया जब कोंटा स्थित नदी घाट पर नाव बंद होने की जानकारी मिली और कोई दूसरा रास्ता नहीं मिला. इसके बाद जान जोखिम में डालकर 6 मजदूर शबरी नदी में कूद गए. हालांकि 5 मजदूर तैरकर पार हो गए, लेकिन एक मजदूर नदी में फंस गया. स्थानीय लोगो की मदद से उसे बचाया गया.

आंध्र के जंगारेड्डीगुडम में फाम आइल फेक्ट्री में काम कर रहे ओडिशा मलकानगिरी के मजदूर 250 किलोमीटर पैदल दूरी तय कर कोंटा पहुंचे. यहां शबरी नदी घाट पहुंच कर 6 मजदूर तैर कर नदी पार कर रहे थे. इसमें एक व्यक्ति शबरी की प्रवाह बहने लगा व नदी के बीच में फंसे झाड़ को पकड़कर लगभग दो घण्टे तक फंसा रहा.

नदी में नहा रही एक युवती ने दी जानकारीनदी में नहा रही एक युवती ने स्थानीय निवासी बीएमराव को मामले की जानकारी दी. इसके बाद तत्काल शबरी नदी तट पर पहुंच कर आंध्र कल्लेर घाट पर मौजूद मछुवारों से बात कर जिंदगी मौत के बीच में फंसे युवक के लिए नाव की व्यवस्था की. इसके बाद नदी में फंसे युवक को सुरक्षित निकाला जा गया. इसके बाद सबरी तट पर मौजूद मजदूरों को नाव से पार करवाकर ओडिशा के मोटू क्वारनटाईन केंद्र पहुंचाया गया.

साथ ही 250 किमी. की दूरी तीन दोनों में निराहार तय कर कोंटा पहुंचे सबरी में फंसे मजदूर व अन्य मजदूरों ने स्थानीय मददगारों का हाथ जोड़ा कर आभार प्रकट किया. बता दें कि अपने घर पहुंच कर घरों में होम क्वारनटाईन होने के लिए मजदूर आय दिन सैकड़ों की संख्या में कोंटा बॉर्डर पहुंच रहे हैं, जिनको सुकमा जिला प्रशासन क्वारनटाईन केंद्र बना कर मजदूरों रखा जा रहा है.