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कोरोना संक्रमण से राज्य में चौथी मौत, अब तक 46 पॉजिटिव ; सोशल डिस्टेंसिंग का अभी भी बना रहे मजाक…

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रांची/धनबाद/जमशेदपुर. झारखंड में कोरोना संक्रमण से मंगलवार को चौथी मौत हुई। रिम्स के कोविड-19 वार्ड में भर्ती महिला मरीज रांची के हिंदपीढ़ी की रहने वाली थी। इससे पूर्व कोरोना संक्रमण से ही उनके पति की भी मौत हो चुकी है। राज्य में कोरोना संक्रमण से पहली मौत बोकारो में हुई थी। झारखंड में संक्रमण के मामले अब तक बढ़कर 46 हो गए हैं। नए जिलों में अब देवघर की एंट्री हो चुकी है।

लॉकडाउन फेज-2 के सातवें दिन मंगलवार को राजधानी समेत गुमला, गिरिडीह, जमशेदपुर, लोहरदगा, पालामू समेत अन्य जिलों में कुछ-कुछ जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक बनाते देखे गए। हालांकि पुलिस-प्रशासन अपनी ओर से हरसंभव प्रयास कर रही है कि लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन न हो, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो। गुमला के सब्जी मंडी के गेट के बाहर प्रशिक्षु आईएएस मनीष कुमार के नेतृत्व में एनसीसी के बच्चों ने मोर्चा संभाला। सब्जी की खरीदारी करने पहुंचे लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के तहत खड़ा किया गया फिर हाथ सैनिटाइज्ड कराकर उन्हें मार्केट में एंट्री दी गई लेकिन अंदर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक बनाते रहे। वहीं गिरिडीह के गांवा में भी कुछ ऐसा ही दृश्य देखने को मिला।

उधर, सोमवार को राज्य में कोरोना संक्रमण के चार नए मामले आए। इनमें हिंदपीढ़ी, हजारीबाग, बोकारो और देवघर से एक-एक संदिग्ध में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई। वहीं राज्य में संक्रमण शुरू होने के 21वें दिन अच्छी खबर आई। स्वास्थ्य मंत्री ने ट्वीट कर बताया कि कोरोना संक्रमित चार मरीज ठीक हो गए हैं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि इनमें रांची और सिमडेगा के एक-एक व हजारीबाग के दो मरीज हैं। हालांकि मंत्री के ट्वीट और बयान के बाद रात 8 बजे स्वास्थ्य विभाग ने जो बुलेटिन जारी किया, उसमें ठीक हुए मरीजों की संख्या शून्य दिखाई। यानी विभाग ने खुद मंत्री के बयान की पुष्टि नहीं की। 

राज्य में मरीजों की संख्या बढ़ने और प्रशासन की ओर से घरों से बाहर न निकलने की अपील के बावजूद मंगलवार को गुमला शहर के बाजार में आमदिनों की तरह भीड़ रही। 

जब इन मरीजों के विषय में जिलावार कोविड-19 अस्पतालों से बात की गई तो रांची व सिमडेगा के मरीज की लगातार दो सैंपल जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने की बात कही गई, मगर हजारीबाग के दोनों मरीजों की अब तक सिर्फ एक ही जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है। नियमत: लगातार दो जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही मरीज को स्वस्थ घोषित किया जाता है। ऐसे में दो मरीजों के स्वस्थ होने की बात तो सामने आती है, मगर स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन में इसका उल्लेखन न करने से संशय बरकरार है।

डिस्चार्ज पर फैसला टास्क फोर्स करेगी
ठीक हुए मरीजों में से एक रांची की पहली पॉजिटिव मलेशियाई युवती है। रिम्स में युवती का इलाज कर रहे चिकित्सकों ने बताया कि उसके लगातार दो सैंपलों की जांच नेगेटिव आ चुकी है, मगर उसके डिस्चार्ज का फैसला रिम्स प्रबंधन नहीं कर सकता है। मंगलवार को टास्क फोर्स की टीम इस पर बैठक करेगी। इसके बाद युवती के 21 दिनों की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को सौंपेंगी। प्रशासन तय करेगा कि उसे कब डिस्चार्ज किया जाएगा।

हजारीबाग के दोनों मरीजों की एक-एक रिपोर्ट ही निगेटिव आई है..फिर भी डिस्चार्ज करने की है तैयारी
हजारीबाग के दोनों पॉजिटिव मरीजों की निगरानी कर रहे सदर अस्पताल के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट डॉक्टर एके सिंह ने माना कि इन दोनों की 2 अप्रैल व 7 अप्रैल को आई रिपोर्ट पॉजिटिव थी। 20 अप्रैल को आई रिपोर्ट ही नेगेटिव है। फिर भी एक -दो दिनों के भीतर दोनों को डिस्चार्ज कर 14 दिनों के लिए होम क्वारैंटाइन में भेज दिया जाएगा।

गुमला में सब्जी मंडी के बाहर प्रशिक्षु आईएएस मनीष कुमार के नेतृत्व में एनसीसी के कैडेट्स ने भी मोर्चा संभाला। बाजार आने वाले लोगों का मंडी के गेट पर हाथ सैनिटाइज्ड कराया गया फिर उन्हें प्रवेश की अनुमति दी गई।

दो निगेटिव रिपोर्ट आना जरूरी
मरीज की तकलीफ खत्म हो गई हो तो अमूमन तीन से पांच दिन के अंदर दोबारा जांच कराई जाती है। यदि रिपोर्ट निगेटिव आई तो फिर 24 घंटे बाद उसकी जांच कराई जाती है। यदि दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आई तो उसे घर जाने के अनुमति दी जाती है। पर इस हिदायत के साथ कि उसे अभी 10 से 14 दिन तक होम आइसोलेशन में रहना है।

देवघर का मरीज दिल्ली से 31 मार्च को 115 लोगों के साथ लौटा, सैंपल लेकर क्वारेंटाइन से 14 को छोड़ा, 6 दिन बाद रिपोर्ट पॉजिटिव
कोरोना संक्रमण संथाल परगना तक पहुंच गया है। प्रमंडल का पहला मरीज देवघर जिले के सारवां प्रखंड के गमहरिया गांव का 21 वर्षीय युवक है। उसे देवघर में आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है तथा उसके गांव को सील कर उसके संपर्क में आए लोगों की तलाश की जा रही है। खास बात ये है कि पंजाब में काम करने वाला ये युवक 31 मार्च को दिल्ली से 115 लोगों के साथ लौटा था। इन सभी को सीमावर्ती बुढ़ई थाना क्षेत्र के भिरखीबाद चेक पोस्ट पर रोका गया था। एक दिन वहां क्वारैंटाइन सेंटर में रखने के बाद सभी को अपने-अपने प्रखंड भेज दिया गया। इस युवक समेत 19 लोगों को सारवां के क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया था। 14 अप्रैल को सैंपल लेकर सभी को घर भेज दिया गया। ये सैंपल 15 अप्रैल को पीएमसीएच धनबाद पहुंचा और 6 दिन बाद सोमवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इस बीच ये युवक गांव में अपने परिजनों व अन्य लोगों से भी मिला है।

राज्य को मिले 4800 रैपिड टेस्ट किट, हिंदपीढ़ी समेत रेड जोन में इस्तेमाल होंगे…10 मिनट में आएगा रिजल्ट
कोरोना के खतरों के बीच जांच के लिए राज्य में 4800 रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट्स मिल चुके हैं। इन किट्स का उपयोग रेड जोन में शामिल हो चुके रांची में किया जाएगा। इसी सप्ताह से टेस्ट शुरू हो जाएंगे। इस किट से 10 मिनट में रिजल्ट मिल जाता है। जांच के दौरान संदिग्ध मरीज की इम्युनिटी का भी पता चल जाता है। किट से जांच के लिए स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। अाईडीएसपी प्रभारी डॉ. राकेश दयाल ने कहा है कि राज्य सरकार ने एक लाख रैपिड टेस्ट किट की मांग की थी, लेकिन अभी 4800 किट ही मिले हैं। यह टेस्ट अंतिम नहीं माना जाता है। इस टेस्ट में एंटीबॉडी मिलने के बाद व्यक्ति का पीसीआर टेस्ट कर उसके संक्रमण की सही स्थिति पता किया जाएगा।

 जमशेदपुर के सब्जी मंडियों में रोजाना दिखने वाली भीड़ मंगलवार को काफी कम हो गई। सोमवार रात और फिर सुबह बारिश के बाद कम संख्या में लोग बाजारों में पहुंचे।

रिम्स में ई-ओपीडी सेवा जारी, 25 से टेलीमेडिसिन सेवा शुरू होगी
कोरोना और लॉकडाउन के कारण रिम्स में ओपीडी बंद कर दिए गए थे। इससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही थी, जिसे देखते हुए रिम्स ने सोमवार से ई-ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है। आप डॉक्टरों से सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक टेलिफोनिक व ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श ले सकते हैं। इसके लिए व्हाट्सएप नंबर- 9431787461, 9431763648, 943134107 व टॉल फ्री नंबर-18003457056 जारी किया गया है।

समस्याएं बताने के बाद सीनियर डॉक्टरों की पांच सदस्यीय टीम (डॉ. अर्पिता, डॉ. लखन माझी, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. अंशुल और डॉ. निशांत) चिकित्सकीय सलाह दे रहे हैं। डॉक्टर्स व्हाट्सएप के जरिए ई-पर्ची भी दे रहे हैं। ई-ओपीडी की संचालिका डॉ. अर्पिता ने बताया कि 25 अप्रैल से रिम्स में टेलीमेडिसीन सेवा भी शुरू की जाएगी। इसके तहत रिम्स के डॉक्टरों को कोरोना के संदिग्ध मरीजों के इलाज, सैंपल कलेक्शन के लिए गांव में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। गांव की आशा-सहिया सहित सभी हेल्थ केयर्स को टेलीमेडिसीन के जरिए ट्रेनिंग की जाएगी कि उन्हें गांव के मरीजों का कैसे इलाज करना है।

आईएमए के निर्देश पर आज से निजी अस्पतालों में ओपीडी व इमरजेंसी सेवा
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार ने रांची के बंद सभी निजी अस्पतालों को खोलने की बात कही है। कहा, कोरोना के कारण हॉस्पिटल बंद हैं। मरीजों को बहुत परेशानी हो रही है, इसलिए मंगलवार से सभी प्राइवेट हॉस्पिटलों में ओपीडी व इमरजेंसी सेवा शुरू करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सदर, रिम्स, सीसीएल और पारस हॉस्पिटल में कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि आईएमए बुधवार से रांची में ई-ओपीडी की शुरुआत करेगी। इसके तहत आम लोग फोन पर डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं। रांची के सीनियर डॉक्टर चिकित्सीय परामर्श देंगे।

जमशेदपुर में मंगलवार रात से ही मौसम खराब होने की वजह से सुबह भी सड़कों पर काफी कम लोगों की आवाजाही दिखी। इस दौरान कुछ लोग निकले जो सरकारी ऑफिस के कर्मचारी थे। हालांकि पुलिस की टीम जगह-जगह रोककर जांच करती दिखी।

राजधानी के 17 प्राइवेट अस्पतालों को फोन कर ले सकते हैं नि:शुल्क परामर्श
एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स ऑफ इंडिया निजी अस्पतालों के जरिए लोगों को नि:शुल्क परामर्श देगा। संगठन ने निर्णय लिया है कि वह देशभर के निजी अस्पतालों व राज्य सरकारों के साथ समन्वय स्थापित कर विशेष भूमिका निभाएगा। एएचपीआई के प्रदेश अध्यक्ष सह राज हॉस्पिटल के निदेशक योगेश गंभीर व सचिव सह रानी चिल्ड्रन हॉस्पिटल के संचालक डॉ. राजेश ने संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि कोई भी मरीज शहर के निजी अस्पताल में अपनी बीमारी की जानकारी देकर डॉक्टर से नि:शुल्क सलाह ले सकता है। 

राज्य में 3766 संदिग्ध मरीजों की हो रही निगरानी, रांची में सबसे ज्यादा 967
इंडिग्रेटेड डिजिज सर्विलांस प्रोग्राम (आईडीएसपी) की ओर से रांची में 967 कोरोना संदिग्धों की पहचान की गई है। पूरे राज्य में ऐसे संदिग्धों की संख्या 3766 है। आईडीएसपी की ओर से यह सूची कंटेनमेंट प्लान, कांटैक्ट ट्रेसिंग और संदिग्धों के आइसोलेशन के आधार पर तय की गई है। संदिग्धों की यह संख्या 18 अप्रैल तक के आंकड़ों पर आधारित है।

गुमला में मंगलवार को लॉकडाउन फेज-2 के सातवें दिन सब्जी मंडी के अंदर और बाहर एनसीसी के कैडेट अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते दिखे। इस दौरान उन्होंने हाथ में तख्ती लेकर लॉकडाउन के नियमों के पालन की अपील की। साथ ही जिनके पास मास्क नहीं था, उन्हें मास्क भी बांटे। 

जमशेदपुर….
1761 किलोमीटर दूरी 14 घंटे में तय कर डाक विभाग ने दिल्ली से टाटा पहुंचाई कोरोना किट, रात एक बजे एमजीमएम में डिलीवरी

कोरोना की जंग में हर कोई अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। डाक विभाग ने दिल्ली से 1761 किलोमीटर दूर जमशेदपुर (वाया कोलकाता-रांची) महज 14 घंटे में कोरोना की जांच किट पहुंचा दी। रविवार रात एक बजे इसकी एमजीएम अस्पताल में डिलीवरी भी करा दी गई। जिला डाक निरीक्षक दिवाकर कुमार दीपक ने इसे एमजीएम के डॉक्टर राहुल को सौंपा। यह किट दिल्ली से कोलकाता और वहां से रांची पहुंचाया गया। रांची से विशेष वाहन इसे लेकर सड़क मार्ग से जमशेदपुर पहुंचा। 10 कार्टून में लाए गए कोरोना किट से करीब 1200 संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच की जा सकेगी। इसके साथ ही मरीजों के जांच में तेजी आने की उम्मीद है।

एमजीएम: आइसोलेशन 100 बेड का, डब्ल्यूएचओ की टीम ने कहा- 50 बेड का क्वारैंटाइन जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की दो सदस्यीय टीम ने सोमवार की शाम एमजीएम में कोरोना को लेकर हुई तैयारियों की जांच की। इनमें कई खामियां मिलीं। इन्हें तत्काल दूर करने का सुझाव दिया। टीम करीब 25 मिनट अस्पताल में रही। अस्पताल में 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड बना है। टीम के अनुसार, 50 बेड का क्वारैंटाइन व 100 बेड का आइसोलेशन वार्ड होना चाहिए। आइसोलेशन वार्ड के बगल में ही महिला एवं प्रसूति रोग विभाग है। टीम ने इस पर आपत्ति जताई। साथ ही कई अन्य खामियों की ओर भी ध्यान आकृष्ट कराया और तत्काल दूर करने का निर्देश दिया। 

उद्योग के लिए ढील, पर बॉर्डर पर सुरक्षा चुस्त
सरायकेला-खरसावां जिले में सरकारी कार्यालय, ऑटोनोमस बॉडिज वाले काम चालू किए गए हैं। लेकिन राज्य के बॉर्डर पर लॉकडाउन में किसी प्रकार की ना तो ढील दी गई है और ना ही सुरक्षा व्यवस्था में कमी की गई है। जिला मुख्यालय सरायकेला को चाईबासा से जोड़ने वाले मुख्य सड़क पर थोल्को बॉर्डर के पास पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात है। इस दौरान आने जाने वाले सभी लोगों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है। सुदूरवर्ती क्षेत्रों में किसी प्रकार की लॉकडाउन में ढील नहीं दी गई है। ईंट भट्टी एवं अन्य छोटे-छोटे उद्योग फिलहाल नहीं खोले गए हैं। 

धनबाद…
पीएमसीएच में दूसरी मशीन भी होगी चालू जांच में आएगी तेजी

पीएमसीएच में कोरोना जांच के लिए आई दूसरी डीटी-पीसीआर मशीन भी चालू होगी। मशीन चालू करने की कवायद में पीएमसीएच प्रबंधन जुट गया है। दूसरी मशीन चालू होने पर पीएमसीएच के डीएसएंडटी लैब में एक दिन में 80 सैंपल की जांच हो पाएगी। फिलहाल एक मशीन चालू है और इसकी क्षमता रोज 40 सैंपल टेस्क करने की है। धनबाद में बाघाकुड़ी कुमारधुबी और डीएस कॉलोनी हीरापुर में कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके हैं। नियमानुसार मरीज के घर को इपिक सेंटर बनाते हुए तीन किलोमीटर के दायरे में हर घर का सर्वे, लोगों की स्क्रीनिंग और संदिग्ध लक्षणों वाले का कोरोना टेस्ट कराया जाना है। ऐसे में जांच के लिए एक दिन में 40 से अधिक सैंपल आने की संभावना है। वहीं जांच धीमा होने के कारण धनबाद का 100 से अधिक सैंपल की जांच रिपोर्ट पेंडिंग है। दूसरी मशीन चालू होने से जांच को गति मिलेगी।

जिले में क्वारैंटाइन बेडों की संख्या 500 से अधिक करने का निर्णय
उपायुक्त अमित कुमार की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार की बैठक हुई। बैठक में कोरोना संक्रमण से बचाव और नियंत्रण को लेकर विचार-विमर्श किया गया। संक्रमण की स्थिति को देखते हुए जिले में क्वारैंटाइन सेंटर तथा क्वारैंटाइन बेडों की संख्या बढ़ाने का निर्णय किया गया। निर्णय के अनुसार जिले में क्वारैंटाइन बेडों की संख्या 500 से अधिक किया जाएगा। जिले के सभी कैथ लेब को कोविड-19 अस्पताल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया। जिन लोगों ने 14 दिन की क्वारैंटाइन अवधि को पूरा कर लिया है, वैसे असंक्रमित लोगों को माइग्रेंट सेंटर में भेजने का निर्देश दिया गया।