जयपुर. लॉकडाउन के कारण स्कूल-कॉलेज अनिश्चितकाल के लिए बंद हैं। ऐसे में पढ़ाई ठप न पड़े, इसलिए भारत समेत दुनिया के 20 देशों के 90 हजार स्कूल जूम ऐप के जरिए ऑनलाइन पढ़ाई करा रहे हैं। राजस्थान के भी कई स्कूल इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। मगर खतरा ये है कि साइबर अपराधी यहीं से आपका पर्सनल डाटा भी चुरा रहे हैं। जूम एप पर स्क्रीन शेयरिंग फीचर का फायदा उठाकर साइबर क्रिमिनल्स क्लास या सेशन के दाैरान घुसपैठ करके स्क्रीन पर आपत्तिजनक कंटेंट तक पाेस्ट कर सकते हैं। इसे ‘जूम बाॅम्बिंग’ कहते हैं।
दुनिया भर में इस्तेमाल हो रहे जूम ऐप के हजारों यूजर्स के ईमेल पते और उनके पासवर्ड डार्क वेब पर बिक रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे जूम अकाउंट की संख्या करीब 5,30,000 है। हालांकि जूम ने इस बारे में कुछ नहीं बताया कि यूजर्स के लाखों डेटा कैसे लीक हुए हैं। चिंता इसलिए भी है क्योंकि लॉकडाउन के कारण इन प्लेटफार्म पर बिजनेस मीटिंग और स्कूल व कॅालेज की क्लासेज ली जा रही हैं। यही वजह है कि सिंगापुर व ताइवान के स्कूलाें और न्यूयाॅर्क के एजुकेशन डिपार्टमेंट ने जूम एप पर पाबंदी लगा दी है।
तक बढ़ा, पर सुरक्षा की गारंटी नहीं है
जूम जैसे एप पिछले कुछ महीनाें में ही लाेकप्रिय हुए हैं। उनका रोज का ट्रैफिक 535% तक बढ़ा है। मगर सुरक्षा के लिहाज से इस पर भरोसा नहीं कर सकते। ऐसे में टीम व्यूअर या माइक्रोसॉफ्ट का स्काइप इस्तेमाल कर सकते हैं।
– मुकेश चौधरी, साइबर एक्सपर्ट, जयपुर पुलिस कमिश्नरेट
वाशिंगटन पाेस्ट के अनुसार जूम एप पर पोस्ट किए गए वीडियो के जरिए बच्चों के चेहरे, आवाज और निजी जानकारी भी शेयर होने का खतरा।
- पब्लिक जूम काॅल्स के बीच इंटरनेट ट्राेल्स और स्क्रीन शेयरिंग में आपत्तिजनक कंटेंट पाेस्ट कर सकते हैं, जिससे सेफ्टी और प्राइवेसी काे खतरा।
- यूजर नेम, फाइनेंशियल ब्योरा और मोबाइल नंबर के जरिए नुकसान पहुंचा सकता है।
ऐसे समझें... साेचकर देखिए कि आपका बच्चा वीडियो कान्फ्रेंसिंग एप से क्लास अटेंड कर रहा हाे और अचानक काेई लेक्चर के बीच में आपत्तिजनक कंटेंट शेयर कर दे।
समाधान… ये 6 स्टेप आपको रख सकते हैं सुरक्षित
1. हाेम नेटवर्क सिक्याेरिटी
- डिफॉल्ट यूजर नेम व पासवर्ड रीसैट करे राउटर सुरक्षित करें।
- WPA2 या WPA3 जैसे सिक्याेर एनक्रिप्शन ऑन रखें।
2. वेबकैम को यूं बंद करें
वेबकैम जब काम ना आ रहा हाे ताे उसे इस तरह बंद कीजिए।
एंड्राॅयड के लिए : सेटिंग, एप्स कैमरा, परमिशन, डिसेबल दबाएं। (वरना कागज या कपड़े से ढंक दें)
3. वीवीपीए इस्तेमाल करें
- विश्वसनीय वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) इस्तेमाल करें
- यह ऑनलाइन गतिविधियाें को एनक्रिप्ट करेगा।
- आईपी एड्रैस या लाेकेशन का पता नहीं लगेगा।
4. मजबूत पासवर्ड रखिए
- राउटर के लिए स्ट्रांग पासवर्ड सेट करें।
- 12 कैरेक्टर्स में अपर केस, लाेअर केस लेटर्स, नंबर, सिंबल या शब्द हों।
- डिवाइसेज काे जब काम में ना लें ताे लाॅक रखें।
- पासवर्ड शेयर न करें।
5. स्क्रीन शेयरिंग मैनेज करें
- मीटिंग के हाेस्ट एप के स्क्रीन शेयरिंग विकल्प काे मैनेज करें।
- शेयर स्क्रीन के एडवांस शेयरिंग ऑप्शन पर जाएं। हाेस्ट ऑप्शन चुनें और विंडाे बंद कर दें।
- वेब सेटिंग से डिफॉल्ट सेटिंग बनाएं।
6. जूम वेटिंग रूम यूज करें
- जूम विकल्प देता है कि मीटिंग शुरू हाेने के बाद उसे लाॅक कर सकें, जिससे नए पार्टिसिपेंट्स ग्रुप जाॅइन न कर सकें।
- अगर आप हाेस्ट हैं ताे जूम मीटिंग के लिए वेटिंग रूम फीचर ऑन करें।