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असम की इस महिला ने खोल दी इटली की पोल, किया चौंकाने वाला खुलासा…

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इटली से असम लौटने के बाद क्वारेंटाइन रहने वाली लोपामुद्रा ने बताया कि कैसे असम ने समय रहते कड़े एहतियाती कदम उठाए गए है। ज्ञात हो कि 30 जनवरी को इटली में पहला मामला सामने आया था। लोपामुद्रा मिलान के लिको में थी। वह पॉलिटेकनिको डि मिलानो में आर्किटेकचरल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करती है।

लोपामुद्रा को 22 फरवरी को पता चला कि इटली में लॉकडाउन होगा। उसका संस्थान 24 फरवरी को खुलने वाला था। पर उसकी खुलने की तिथि आगे बढ़ा दी गई। इसलिए 29 फरवरी को लोपामुद्रा असम लौट आई। 29 फरवरी तकत इटली में कोरोना वायरस से 29 लोग मारे गए थे।

लोपामुद्रा ने बताया कि मैं जब हवाईअड्डे की ओर जा रही थी तब मुझे कुछ पाबंदियां लगी हुई नहीं देखी। लॉकडाउन की बात ही छोड़ दीजिए। सिर्फ मिलान में भीड़ कम थी और लोग मास्क पहने हुए थे। पर रेल व बस सामान्य दिनों की तरह चल रही थी। रेस्तंरा और होटल खुले थे। व्यापार पहले की तरह जारी था। कहीं सेनेटाइज करते हुए दिखा नहीं।

अपने एक इंदौर के दोस्त के साथ उसने बरास्ते पौलेंड से नई दिल्ली की फ्लाइट पकड़ी। नई दिल्ली हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद रात पास की एक होटल में गुजारी और दो मार्च के अपराह्न डिब्रुगढ़ हवाईअड्डे पहुंची। तभी से उसकी स्क्रीनिंग होनी शुरु हुई। दिल्ली हवाईअड्डे पर भी उनकी कोई स्क्रीनिंग नहीं हुई। डिब्रुगढ़ हवाईअड्डे पर उसे एक फॉर्म भरकर सारी जानकारी देनी पड़ी।

उन्होंने बताया कि घर पहुंचने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त निदेशक का फोन आ गया और उन्होंने मुझे घर पर ही 14 दिनों के होम क्वारेंटाइन में रहने को कहा। यहीं सतर्कता खत्म नहीं हुई। उसी दिन शाम को दो आसाकर्मी एक नर्स के हमारे घर आए और मेरे स्वास्थ्य की जांच की। क्वारेंटाइन के दिनों में हर रोज यह टीम मेरे स्वास्थ्य की जांच करने आती रही। मैंने और पूरे परिवार ने नियमों का पालन किया।

लोपामुद्रा की मां मृणालिनी सैकिया ने बताया कि जब से वह आई 14 दिनों तक उसने अपने को पूरी तरह अलग रखा। उसकी मां आज इस सतर्कता के लिए राज्य सरकार और उसके स्वास्थ्य विभाग का धन्यवाद करती है कि उसने पूरी एहतियात बरती। लोपामुद्रा ने एक पोस्ट सोशल मीडिया पर डालते हुए लिखा है कि इसके चलते ही आज असम में अब तक कोरोना वायरस का एक भी पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है। इसके लिए उसने पिछले एक महीने से युद्धस्तर पर किए जा रहे प्रयासों,प्रशासन,स्वास्थ्य विभाग के प्रत्येक कर्मी,सुरला बलों और इस कार्य में लगे हर व्यक्ति का धन्यवाद किया।