रायगढ़- जूटमिल चौकी क्षेत्र के कालिंदी कुंज मुख्य द्वार एफसीआई गोदाम के सामने नव निर्मित यात्री प्रतीक्षालय में शुक्रवार सुबह लगभग 35-40 वर्षीय व्यक्ति का अधजला शव मिलने से सनसनी फैल गई थी । इस घटना के चार दिन बीत जाने के बाद भी चौकी पुलिस उक्त मृतक की शिनाख्त कर पाने में नाकाम है। विदित है कि शुक्रवार सुबह 6 बजे के करीब टहलने निकले लोगों की नजर यात्री प्रतीक्षालय में अधजले शव पर पड़ी थी। शव मिलने की खबर पर स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई। सूचना पर चौकी पुलिस मौके पर पहुंची और घटना स्थल की पड़ताल करने के साथ ही स्थानीय लोगों से पूछताछ की। मृतक की शिनाख्त के प्रयास किए, स्थानीय लोगों ने उसे पहचानने की कोशिश भी की, पर कामयाबी नहीं मिली। अंदाजा लगाया जा रहा है कि युवक की हत्या किसी दूसरे ठिकाने पर करने के बाद शव को यहां लाकर फेंका और शिनाख्त छिपाने के लिए जला दिया। लेकिन चौकी पुलिस इस कांड को हादसा मानकर प्रथम दिन से ही जांच पड़ताल कर रही है। वही पहले ही दिन चौकी प्रभारी ने बताया था कि पूछताछ के दौरान स्थानीय लोगों ने आस-पास एक विक्षिप्त के अक्सर घूमने की बात कही है, जो कबाड़ बिनने घूमता था, हो सकता है कि मृतक विक्षिप्त युवक का ही हो। परंतु तीन दिन की पड़ताल में अब तक कोई भी कबाड़ दुकान संचालक ने उक्त मृतक को नही पहचान पाए है ऐसे में विक्षिप्त और कबाड़ बिन कर जीवन यापन करने वाले बात की हवा निकल रही है। यहां यह भी बताना लाजमी होगा कि जूटमिल क्षेत्र में सार्वधिक कबाड़ दुकान का संचालन होता है।
हत्या के स्वरुप को बदलने का प्रयास तो नही
मृतक की लाश जिस दिन सुबह लोगो ने देखा तो उसकी जीभ बाहर निकले होने से कई सवाल खड़े हो गए है। जानकारों की माने तो गला घोंटने, फांसी पर जिंदा लटकने पर ही मृतक की जीभ बाहर निकलती है। जिस तरह शरीर जला है और मौके पर थोड़ी सी राख मिली थी। इससे आग सेकते जलने की आशंका नगण्य प्रतीत हुई। दूसरी तरफ घटना स्थल पर मृतक के शरीर में मौजूद कपड़े और वस्तुस्थिति को देख लोगो मे पहचान छुपाने के लिए जलाने की चर्चा थी तथा मृृृतक के शरीर पर आग लगाकर घटना का रूप बदलने की कोशिश की संभावना व्यक्त होने लगा। इस मामले में लोग मृतक की हत्या कर शव में आग लगाए जाने की बात कहने लगे।
लावारिस मानकर पीएम के बाद हुआ कफन दफन
कानून के मुताबिक किसी भी व्यक्ति की लाश अगर लावारिस हालत में मिलती है तो सम्बंधित थाना पुलिस अपने जिले के सभी थाने में आरएम ( रेडियो सन्देश ) भेजती है। इन सभी कवायद के बाद भी अगर सम्बंधित का कुछ पता नही चलता है तो शव का विधिवत पीएम की कार्रवाई के बाद कफन दफन किया जाता है। तीन दिन से अधिक समय बीत जाने के बाद भी वारिसानो का ज्ञात नही होने पे अधजली लाश का पीएम किया गया। वही पीएम रिपोर्ट के बाद ही इस कांड की कहानी से पर्दा उठ पायेगा।