ट्रांजिट रूट माने जाने वाले नक्सलियों के एमएमसी जोन में बीते सालभर में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के सुरक्षा बलों के हाथों 12 हार्डकोर नक्सली ढ़ेर हुए हैं। मारे गए नक्सलियों के थिंग टैंक माने जाते हैं। पुलिस के बढ़ते वर्चस्व को कमजोर करने के लिए तीनों राज्यों की सीमा पर नक्सलियों ने एमएससी जोन का गठन किया है। हाल ही में एमएमसी जोन के अस्तित्व के खात्मे के लिए केंद्र सरकार के सुरक्षा सलाहकार के. विजय कुमार ने अफसरों के साथ लंबी बैठक की। सालभर में नक्सल मोर्चे पर तीनों राज्यों की पुलिस ने सीमावर्ती इलाकों में नक्सलियों के खिलाफ तगड़ी मोर्चाबंदी की। लिहाजा नक्सलियों के एक दलम के बराबर 12 कुख्यात नक्सली मारे गए।
राजनांदगांव पुलिस ने अकेले 3 अगस्त को शहीद सप्ताह के दौरान एकमुश्त 7 नक्सलियों को मार गिराया। जबकि बालाघाट और कवर्धा पुलिस ने क्रमश: दो-दो नक्सली ढ़ेर किए। राजनांदगांव पुलिस ने दर्रेकसा दलम के कुख्यात नक्सली सुखदेव उर्फ लक्ष्मण को मार गिराया। पुलिस ने सुखदेव के पास से हथियार भी जब्त किए। एमएमसी जोन के नक्सल इतिहास में एक साथ 7 नक्सलियों को मारने का अवसर राजनांदगांव पुलिस के हाथ लगा। इसी तरह कवर्धा पुलिस ने दो नक्सलियों को मार गिराया। बालाघाट पुलिस ने मंगेश समेत एक महिला नक्सली को मारकर एमएमसी जोन के बढ़ते प्रभाव को कम किया।
इस संबंध में राजनांदगांव रेंज डीआईजी रतनलाल डांगी ने बताया कि एमएमसी जोन में नक्सलियों को घेरने की पुख्ता रणनीति बनाने का फायदा मिला। नक्सलियों को जहां नुकसान हुआ है। वहीं पुलिस की ताकत अंदरूनी इलाकों में मजबूत हुई है। डीआईजी का दावा है कि नक्सलियों की हैसियत अब सीमित होकर रह गई है। अब भी मौका है कि नक्सली मुख्यधारा में लौटकर संवैधानिक अधिकारों के दायरे में जीवनयापन करे।
बताया जाता है कि बस्तर के रास्ते राजनांदगांव से अमरकंटक तक नक्सली एमएमसी जोन में लाल गलियारा बनाने की फिराक में है। पुलिस ने एक साल के भीतर दर्जनभर नक्सलियों को मारकर नक्सलियों के नापाक इरादे पर पानी फेर दिया। हालांकि एमएमसी जोन की ताकत पूरी तरह से कम नहीं हुई है। नक्सलियों ने भी पुलिस को माकूल जवाब देने के लिए रणनीतिक तौर पर कई बदलाव किए हैं। सुरक्षा एजेंसियों के पास यह जानकारी है कि नक्सलियों ने खासतौर पर पर्यटक क्षेत्र कान्हा नेशनल पार्क के वादियों में नए दलम भी तैयार कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि एमएमसी जोन के खात्मे के लिए पुलिस भी दमदारी से मोर्चे पर डटी हुई है।