प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रविवार को यहां एक कार्यक्रम में मंच साझा करने की संभावना है. तृणमूल कांग्रेस के सूत्रों ने यह जानकारी दी. पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘जहां तक हमें मालूम है, वह 12 जनवरी को कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी जहां प्रधानमंत्री भी मौजूद होंगे.’
बताया जा रहा है कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता राज भवन में कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट की 150वीं सालगिरह के कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बातचीत भी कर सकती हैं.
विपक्ष की बैठक से बनाई दूरी
इससे पहले ममता ने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की अगुवाई में होने वाली बैठक से किनारा कर लिया था. विपक्षी दलों द्वारा यह बैठक विश्वविद्यालय कैंपस में हिंसा और नागरिकता कानून को लेकर होने वाली है. यह ऐलान करते हुए कि अगर जरूरत पड़ी तो वह अकेले लड़ेगीं ममता बनर्जी ने तय किया है कि वह 13 जनवरी को होने जा रही विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगी. ममता ने लेफ्ट पार्टियों और कांग्रेस पर बुधवार को भारत बंद के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है. बता दें प्रधानमंत्री मोदी 11 जनवरी को दो दिवसीय दौरे पर कोलकाता जा रहे हैं. पीएम मोदी अन्य तय कार्यक्रमों के अलावा कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट के कार्यक्रम में भी शिरकत करेंगे.
किसी सरकारी में साझा नहीं किया है मंच
गौरतलब है कि पीएम मोदी और ममता बनर्जी किसी भी सरकारी कार्यक्रम में साथ में शरीक नहीं हुए हैं. वर्तमान में पश्चिम बंगाल में भाजपा, कांग्रेस और लेफ्ट की जगह अब टीएमसी की प्रमुख प्रतिद्वंदी बनकर उभरी है. पिछले सितंबर में ममता बनर्जी नई दिल्ली आई थीं जहां उन्होंने लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी से औपचारिक मुलाकात की थी.
CAA और NRC पर जारी है गतिरोध
नागरिकता कानून में पिछले माह हुए संशोधन के बाद से ही यह पश्चिम बंगाल का प्रमुख मुद्दा बना हुआ है, जहां टीएमसी एड़ी चोटी का जोर लगाकर इस कानून का विरोध कर रही है और वहीं बीजेपी इस कानून को लागू करने का जोर लगा रही है.
बनर्जी ने सीएए (CAA) और पूरे भारत में एनआरसी (NRC) लागू करने के भाजपा के फैसले का विरोध कर रही हैं. साथ ही वह बीजेपी पर देश को धार्मिक आधार पर विभाजित करने का भी आरोप लगा रही हैं.