नक्सलवाद का दंश दशकों से झेल रहे छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में तैनात सुरक्षा बलों की पहुंच माओवादियों के कोर इलाकों तक हो रही है। सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा जिलों के सरहदी वन्य क्षेत्र जो सीपीआइ माओइस्ट के आधार इलाके माने जाते रहे हैं, वहां भी सुरक्षा बलों ने नए कैंप शुरू किए हैं। वहीं सर्च आपरेशन का दायरा भी बढा है। फलस्वरूप नक्सलियों की सामरिक क्षमता में असर पड़ने की बात कही जा रही है।
वर्ष 2018 से लेकर 2019 तक संभाग के संवेदनशील क्षेत्रों में 34 कैंप स्थापित किए गए हैं।
यहां स्थाई रूप से अर्धसैन्य बलों, डीआरजी व एसटीएफ की तैनाती की गई है। इसके अलावा दर्जन भर कैंप प्रस्तावित हैं। इस रणनीति को नक्सलियों के हार्डकोर गोरिल्लाओं की घेरेबंदी से जोड़कर देखा जा रहा है। बस्तर में नक्सल उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चार मोर्चो पर मुहिम चलाई जा रही है।
इसमें बाहरी नक्सलियों के बहकावे में आकर नक्सल संगठन से जुड़े युवक-युुवतियों को मुख्य धारा में जोड़कर उनका बेहतर पुनर्वास, अन्य बुनियादी विकास कार्यो समेत सड़कों का जाल बिछाना, दूरस्थ इलाकों तक आक्रामक आपरेशन शामिल हैं।
जनता के बीच विश्वास बनाने के मकसद से कम्युनिटी पुलिसिंग योजना के तहत आमचो बस्तर आमचो पुलिस, मोर मितान मोर संगवारी, तेंदमुंत्ता, मनवा पुना आदि नामों से अलग-अलग जिलों में कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय गृह विभाग नक्सलियों के विरुद्ध निर्णायक युुद्ध के नीति पर काम कर रहा है। इसके तहत बस्तर में सीआरपीएफ की सात नई बटालियन भेजने की तैयारी चल रही है।
बदली गई रणनीति
नक्सलियों द्वारा जंगलवार के जरिये सुरक्षा बलों तथा आम जनता को बड़ी क्षति पहुंचाई जाती रही है। साथ ही पुल, पुलियों, स्कूल भवनों को निशाना बनाया जाता रहा है। इनसे निपटने सुरक्षा बलों द्वारा रणनीतिक बदलाव किया गया है। मुख्यालय में वार रूम के जरिये देश के अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र व महाराष्ट्र आदि राज्यों की पुलिस से इंटर बार्डर कोआर्डीनेशन बढ़ाने को लगातार संवाद किए गए।
फलस्वरूप बस्तर पुलिस को खुफिया सूचनाओं में इसका लाभ भी मिला। आपरेशन प्रहार एक व दो जैसे बड़े मुठभेड़ इसके नमूने हैं। नक्सलियों के अभेद इलाके भेदने के लिए पहली बार मानव रहित विमान यूएवी का बेस सेंटर नंदिनी भिलाई से हटाकर बस्तर को बनाया गया। समय-समय पर इजराइल निर्मित ड्रोन नक्सल गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।
– नक्सल विरोधी मुहिम व विकासोन्मुख गतिविधियां एक साथ संचालित की जा रही हैं। नए कैंप बनाए जाने से लोगों का भरोसा सुरक्षा बलों पर बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में बेहतर परिणाम प्राप्त होंगे।