छत्तीसगढ़ में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव से पहले राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों खासकर बस्तर इलाके के रहवासी और ग्रामीणों पर दर्ज प्रकरणों की समीक्षा करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि सरकार इन प्रकरणों को वापस लेने की तैयारी भी कर रही है. मालूम हो कि प्रदेश में सरकार बनने के पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में आदिवासियों पर दर्ज मामले वापस लेने की बात कही थी.
सीएम भूपेश बघेल ने लिया था फैसला
मिली जानकारी के मुताबिक आबकारी अधिनियम के तहत आदिवासियों पर 313 प्रकरण दर्ज हुए थे. साथ ही अन्य प्रकरणों में 312 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज था. बताया जा रहा है कि सरकार ने इस प्रकरणों को परीक्षण के लिए समिति के पास भेज दिया गया है. आपको बता दें कि नक्सल प्रभावित इलाकों में विशेषकर बस्तर अंचल के अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों पर हो रहे उत्पीड़न पर गहरी चिंता जताते हुए सीएम भूपेश बघेल ने इनके खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों की समीक्षा करने का फैसला लिया गया था. अब इन प्रकरणों की वापसी शुरू हो सकती है.
हुई थी अनुशंसा मालूम हो कि न्यायमूर्ति पटनायक की अध्यक्षता में गठित समिति की पहली बैठक इस साल 24 अप्रैल और दूसरी बैठक 30 और 31 अक्टूबर को हुई थी, जिसमें लिए गए फैसले के मुताबिक छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम के तहत दर्ज 313 प्रकरणों की वापसी की अनुशंसा करते हुए प्रकरण विधि विभाग को भेजा गया था. समिति द्वारा भारतीय दण्ड विधान के अन्य 312 प्रकरणों को पुलिस महानिदेशक द्वारा गठित एक समिति को परीक्षण के लिए भेजा गया है.