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बेटी के जन्म पर ससुराल वालों ने घर से निकाला, न्याय पाने के लिए बन गई जज…

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कई बार हम जिंदगी के दोराहे पर खड़े होते है और समझ नहीं आता है कि किधर जाये। लेकिन ऐसे वक़्त में जो लोग खुद को मजबूत बनाये रखते है वह कमाल करते है. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है वृंदावन की रहने वाली अवंतिका गौतम ने. वह एक बेहतर शादीशुदा जिंदगी बिता रही थी तभी उसके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसने उसने कल्पना भी नहीं की थी. लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने विपरीत स्थितियों में खुद को संभाला और पीसीएस-जे पास कर लिया। आज वह झारखंड हाईकोर्ट में असिस्टेंट रजिस्ट्रार के पद पर कार्यरत है. झारखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद उनका चयन सीवीएल जज जूनियर डिवीज़न के पद पर हुआ है. कैसे पहुंची वह यहां तक आइये जानते है.

अवनिका गौतम वृंदावन से है और उनकी शादी 2008 में जयपुर में हुई थी. कुछ दिनों तक सब कुछ ठीक ठाक चलता रहा. इसके बाद ससुराल वाले दहेज़ मांगने लगे. लेकिन हद तब हो गई जब अवनिका को बेटी होने के बाद ससुराल वालों ने घर से निकाल दिया। वह अपनी बेटी के साथ वृंदावन आ गई.

अदालत के काटे चक्कर

अवनिका ससुराल वालों से न्याय मांगने के लिए दर-दर भटकती रही. यह सब करते-करते वह काफी थक गई और उन्होंने वकील बनने का फैसला किया।

साल 2012 में शुरू की तयारी अवनिका ने इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह दिल्ली आ गई. यहां आकर उन्होंने पीसीएस-जे की तयारी 2013 में शुरू की. वह 2014 में इसमें सफल हो गई. इस साल उनका चयन झारखंड पीसीएस-जे के लिए हॉ गया.