सुकमा जिले के साप्ताहिक बाजारों में व्यापारियों द्वारा शासन की सख्ती के विरोध में कांटा नहीं लगाया जा रहा है, धान खरीदी न होने से ग्रामीण एवं किसान परेशान हैं। शुक्रवार को क्षेत्र के प्रमुख कूकानार साप्ताहिक बाजार में पहाड़ियों पर रहने वाले ग्रामीण 15 से 20 किमी पैदल व इसके पश्चात 10 किमी गाड़ियों में बैठकर बाजार आते हैं और अपने वनोपज को विक्रय कर रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदते है। व्यापारियों के अघोषित बंद के चलते धान व अन्य वनोपज न खरीदे जाने से ग्रामीण बेहद मायूस, परेशान व नाराज दिख रहे थे उनका कहना था कि सोसायटी में खरीदी नही हो रही है वहां पतला व मोटा धान की खरीदी होती है पर हमारे खदवन धान को सोसायटी में नहीं खरीदा जाता है हम इस धान को कहां बेचेंगे।
अन्य दुकानें भी हुई प्रभावित
धान व वनोपज के विक्रय नहीं होने से बाजार के अन्य दुकानें भी सूनी रही, होटल व्यवसायी जोखुराम, आदित्य ने बताया कि इस बाजार में हमने जो सामान बनाया था वो बिक्री नही होने से हमारा बहुत नुकसान हो गया है यदि इसी प्रकार खरीदी बंद रही तो व्यवसाय भी चौपट हो जाएगा क्योंकि जब ग्रामीणों के पास पैसा नही होगा तो वो कैसे हमारी चीजें खरीदेंगे। सीपीआई के सोनाधर नाग ने कहा कि शासन को इस पर अपनी स्पष्ट नीति लानी चाहिये व जल्द से जल्द 2500 रुपये प्रति क्विं की दर से धान क्रय करना चाहिए।
क्या कहते हैं व्यापारी
कूकानार के व्यापारी संघ के सदस्य पप्पल चौहान, सन्नू चौहान, अभय, मुकेश, बच्चा सिंह, लालू भदौरिया आदि लोगों का कहना है कि प्रशासन के सख्त रवैये की वजह से हम धान नही खरीद रहे है। मंडी का कागज मिलना बंद हो गया है जिसके कारण धान परिवहन नहीं कर सकते हैं व कागज के अभाव में धान जब्ती हो रहा है जिसके वजह से हम लोगों ने धान नही खरीदने का निर्णय लिया है।