बस्तर दशहरा की सबसे महत्वपूर्ण रस्म मावली परघाव सोमवार को पूरी हुई। बारिश के कारण थोड़ी देर हुई। दंतेवाड़ा से माता की डोली रविवार की मध्यरात्रि जगदलपुर के जियाडेरा पहुंची। इसके बाद शाम को जियाडेरा से डोली दंतेश्वरी मंदिर की ओर बढ़ी। रात में जैसे ही माता की डोली ने शहर में प्रवेश किया तो भव्य स्वागत किया गया।
डोली को कुटरुबाड़ा के पास लाकर मावली परघाव की रस्म पूरी की गई। इस दौरान मिताली चौक तक भक्तों का रेला लगा रहा। जगह-जगह माई की डोली पर फूल बरसाए गए। इससे पहले शाम को सिरहासार भवन में जोगी उठाई की रस्म पूरी की गई। जिसमें 9 दिनों से तप कर रहे जोगी को उठाकर माता को परघाने लाया गया। बस्तर संभाग व ओडिशा के 200 से अधिक देव विग्रह भी यहां लाए गए थे। साथ ही सैकड़ों लोग माता का स्वागत करने पहुंचे। माता का परघाने दंतेश्वरी माई के प्रधान पुजारी कृष्ण कुमार पाढ़ी, राजपरिवार के सदस्य कमलचंद्र भंज देव, राजगुरू नवीन ठाकुर, सुकमा जमींदार परिवार के कुमार जयदेव सहित कमेटी के पदाधिकारी पहुंचे थे।
आज होगी भीतर रैनी विजय रथ भी चलेगा : बस्तर दशहरा की एक महत्वपूर्ण रस्म मंगलवार को भी पूरी की जाएगी। इस रस्म को भीतर रैनी रस्म कहा जाता है। इस रस्म में 8 पहियों वाले विजय रथ की परिक्रमा संपन्न करवाई जाएगी। परिक्रमा के बाद रथ को रात्रि में चोरी कर कुम्हड़ाकोट ले जाया जाएगा। सड़कों की हालत खस्ताहाल होने के चलते रथ खींचनें में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
कार्यकर्ताओं से मिले सीएम फिर जिया डेरा में दर्शन करने पहुंचे : इधर मावली परघाव में शामिल होने के लिए सीएम भूपेश बघेल सोमवार की शाम जगदलपुर पहुंचे। यहां पहुंचते ही वे एक निजी होटल में गए और यहां कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की एक बैठक भी ली। बैठक के बाद देर शाम वे जिया डेरा पहुंचे। यहां मावली परघाव की रस्मों में शामिल हुए। सीएम के दौरे को लेकर पूरे इलाके में सुरक्षा की तगड़ी व्यवस्था की गई थी। सीएम भूपेश बघेल प्रदेश के दूसरे ऐसे मुख्यमंत्री हैं जो बस्तर दशहरा के इस रस्म में शामिल होने आ रहे हैं। इससे पहले अजीत जोगी इस रस्म में शामिल हुए थे। सीएम भूपेश बघेल के साथ मंत्री कवासी लखमा, सांसद दीपक बैज, विधायक लखेश्वर बघेल, रेखचंद जैन, महापौर जतिन जायसवाल, शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजीव शर्मा सहित अन्य कांग्रेसी मौजूद थे।