झारखंड में नक्सलियों के साथ मुठभेड़में दो जवान शहीद हो गये हैं. शुक्रवार सुबह चार बजे राजधानी रांची से सटे बुंडू के दशम फॉल के जंगलों में सुबह चार बजे एसटीएफ के जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गयी. इसमें एक जवान की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी, जबकि दूसरे जवान ने रांची के मेडिका अस्पताल में दम तोड़ दिया. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने जवानों की शहादत को सलाम किया है और कहा है कि नक्सली अपने अस्तित्व की आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं. उनके साथ कोई नरमी नहीं बरती जायेगी. मुठभेड़ के बाद से दशम फॉल थाना की सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है.
बताया जाता है कि सुबह मुठभेड़ में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के शहीद जवान का नाम खंजन कुमार महतो और अखिलेश राम शहीद हो गये. एक की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी, जबकि दूसरे ने रांची स्थित मेडिका अस्पताल में दम तोड़ा. आरक्षी अखिलेश राम पलामू जिला के लेस्लीगंज के रहने वाले थे, जबकि आरक्षी शहीद जवान का नाम खंजन कुमार महतो रांची जिला के सोनाहातु थाना अंतर्गत चैनपुर गांव के.
मृतक जवान झारखंड जगुआर में कार्यरत थे. बताया जाता है कि अखिलेश राम को तीन गोलियां लगी थी. जवानों की शहादत के बाद सुरक्षा बलों ने दशम और इसके आसपास के क्षेत्रों में सघन अभियान छेड़ रखा है.
उल्लेखनीय है कि पुलिस को खूंटी जिला की सीमा से सटे डाकापीढ़ी जंगल और उसके आसपास के इलाकों में नक्सली मूवमेंट की सूचना मिली थी. ग्रामीणों की सूचना पर सुरक्षा बलों के जवानों को नक्सलियों के खिलाफ अभियान के लिए उस क्षेत्र में भेजा गया था. सुबह चार से पांच बजे के बीच नक्सलियों के साथ जवानों की मुठभेड़ हो गयी, जिसमें जगुआर के दो जवान शहीद हो गये.
राजधानी रांची स्थित राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (रिम्स) में शहीद जवानों का पोस्टमार्टम कराया गया. यहां से जवानों के पार्थिव देह को झारखंड जगुआर मुख्यालय रवाना कर दिया गया है. वहां श्रद्धांजलि देने के बाद जवानों के पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव भेज दिया जायेगा.
मुख्यमंत्री ने शोक जताया, कहा : नक्सलियों से नरमी नहीं बरतेंगे
मुठभेड़ में शहीद हुए जवानों के प्रति मुख्यमंत्री रघुवर दास ने शोक जताया है. कहा है कि नक्सली झारखंड में अपनी आखिरी लड़ाई लड़ रहे हैं. सरकार नक्सलियों के प्रति कोई नरमी नहीं बरतेगी. जवानों की शहादत बेकार नहीं जायेगी. सरकार हमेशा शहीद जवानों के परिजनों के साथ खड़ी रहेगी. झारखंड के पुलिस महानिदेशक ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर उन्हें पूरे मामले की जानकारी दी.
ज्ञात हो कि एक दिन पहले ही गुरुवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सिमडेगा जिला के कोनबीर में नक्सलियों को चेतावनी दी थी कि वे सरेंडर कर दें. हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हों. यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो उन्हें पाताल से भी खोजकर निकालकर मारा जायेगा. मुख्यमंत्री की इस चेतावनी के अगले ही दिन नक्सलियों से मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गये.