Home News बीजापुर में वाटर प्रोजेक्ट के लिए बहा दिए 6 करोड़ रुपये, नहीं...

बीजापुर में वाटर प्रोजेक्ट के लिए बहा दिए 6 करोड़ रुपये, नहीं मिला एक बूंद भी पानी!

523
0

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सरकारी राशि का खुलकर दुरुपयोग करने का आरोप लगाया जा रहा है. बीजापुर में पीएचई द्वारा घर-घर साफ पानी पहुंचाने के उद्देश्य से जिले के अलग-अलग इलाकों में नल जल प्रदाय योजना के अंतर्गत बनाये गये 30 वाटर प्रोजेक्ट शुरू किए गए थे. इनमें से 6 करोड 23 लाख रुपये के 22 वाटर प्रोजेक्ट लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए हैं. कहा जा रहा है कि घर घर साफ पानी पहुंचाने के उद्देष्य से पीएचई विभाग ने 6 करोड़ 23 लाख रुपये ही पानी में बहा दिये.

जल प्रदाय योजना के तहत बीजापुर (Bijapur) जिले के चार ब्लाॅक बीजापुर, उसूर, भोपालपटनम और भैरमगढ़ के 30 अलग अलग गांवों में ओवर हेड टैंक के निर्माण के साथ पाइप लाइन विस्तार और सार्वजनिक कनेक्शन लगाये गये हैं. इनके निर्माण के लिए राज्य मद, एनआरडीडब्ल्यूपी (NRDWP), डीएमएफ और एनएमडीसी के मद का उपयोग किया गया है. एक योजना के लिए जिले के 30 अलग अलग इलाकों में चार मद से पीएचई विभाग ने 8 करोड 2 लाख रुपये खर्च किये, लेकिन 30 वाटर प्रोजेक्ट में से वर्तमान स्थिति में केवल 8 वाटर प्रोजेक्ट ही चालू स्थिति में है.

22 प्रोजेक्ट चालू नहीं बीजापुर में बाकि बचे 22 वाटर प्रोजेक्ट निर्माण के बाद से ही सालों से या तो चालू नहीं हुए या फिर चंद दिनों तक चालू होकर फिर बंद हो गये हैं. इन बंद पड़े 22 वाटर प्रोजेक्ट के लिए पीएचई विभाग ने 6 करोड़ 23 लाख रुपये खर्च किए हैं. ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण के बाद से ही ये प्रोजेक्ट सालों से बंद पड़ा हुआ है. करोड़ों की लागत से बनाये गये इस वाटर प्रोजेक्ट से ग्रामीणों को आज तक एक बूंद साफ पानी नहीं मिला है.

..तो कहते हैं कार्य प्रगति पर है विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक नल जल योजना के तहत अब तक कुल 30 वाटर प्रोजेक्ट पिछले कुछ सालों में पूरे किये गये हैं. विभाग का कहना है कि वर्तमान में 4 करोड़ 22 लाख के 16 ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिनका निर्माण कार्य प्रगति पर है. निर्माणाधीन इन 16 वाटर प्रोजेक्ट के लिए विभाग ने अब तक 2 करोड़ 63 लाख रुपये खर्च किया है. बडा सवाल ये कि पहले से निर्मित वाटर प्रोजेक्ट जो कि बंद स्थिति में हैं, उन्हें विभाग चालू नहीं कर पा रहा है. जिला पंचायत सदस्य बसंत राव ताटी का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक और राज्य मंत्री विक्रम मंडावी से मिलकर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाने की मांग करेंगे. हालांकि इस पूरे मामले में जिले के कलेक्टर केडी कुंजाम का कहना है कि अधिकांश ओवर हेड टैंक चालू स्थिति में हैं. इसकी जानकारी उन्हें समीक्षा बैठक के दौरान पीएचई विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई है.