भारतीय जनता पार्टी (BJP) दंतेवाड़ा उपचुनाव (Dantewada By-Election) क्यों हारी इस बात की समीक्षा पूरी हो चुकी है. बीजेपी ने कुल 6 ऐसी वजहें तलाशी हैं, जिससे बीजेपी (BJP) की पहली बार दंतेवाड़ा में दस हजार से अधिक वोटों से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. दंतवेड़ा के दंगल में बीजेपी को मिली करारी हार की समीक्षा पास है. रिपोर्ट की मानें तो बीजेपी (BJP) ने अपनी हार के लिए प्रमुख 6 कारण बताए हैं. जिसमें पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह की सभा नहीं होने देने से लेकर शासन-प्रशासन के दुरपयोग तक शामिल है. यानी कि एक तरह से अपनी बुरी हार के पीछे बीजेपी ने राज्य सरकार को जिम्मेदार बताया है.
दंतेवाड़ा उपचुनाव (Dantewada By-Election) में बीजेपी (BJP) प्रत्याशी ओजस्वी मंडावी को कांग्रेस (Congress) प्रत्याशी देवती कर्मा से 11 हजार से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा. बीजेपी की समीक्षा में दावा किया गया है कि 6 प्रमुख कारणों से बुरी हार का सामना करना पड़ा. इनमें पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह के सभा की अनुमति नहीं देना, प्रशासन के दबाव में व्यापक जनसंपर्क नहीं कर पाना, अचानक बीजेपी कार्यकर्ताओं के घरों पर छापा मार कार्रवाई की गई, जिससे कार्यकर्ताओं में दहशत छा गई इससे पार्टी को नुकसान हुआ.
मंतुराम प्रकरण भी बड़ा कारण बीजेपी की समीक्षा रिपोर्ट में दंतेवाड़ा उपचुनाव के दौरान ही मंतुराम पवार प्रकरण का अचानक उछलना नुकसानदायक रहा. क्योंकि ठीक चुनाव के समय अंतागढ़ उपचुनाव का प्रकरण उछलने से पार्टी की छवि पर असर हुआ. इसके अलावा भीमा मंडावी हत्या मामले की जांच रिपोर्ट जानबूझ कर सार्वजनिक की गई. जांच रिपोर्ट के सार्वजनिक होने से संवेदना वोटों में कमी हुई. बीजेपी ने समीक्षा रिपोर्ट में कांग्रेस पर भी आरोप लगाए हैं. बीजेपी का आरोप है कि कांग्रेस ने नक्सलवाद का सहारा लिया. जिन बूथों पर 2 से 5 फीसदी वोटिंग होती थी, वहां 60-70 फीसदी तक वोटिंग हुई.
हार के पीछे ये भी कारण
इन तत्वों के अलाव भी कुछ कारण लिखे हैं, जिनमें निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं में विश्वास नहीं जगा पाना, स्थानीय से ज्यादा बाहरी नेताओं पर फोकस करना भी हार के प्रमुख कारणों में शामिल है. बीजेपी के प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का कहना है कि हर हार के बाद पार्टी कारणों की समीक्षा करती है. दंतेवाड़ा उपचुनाव में जिन हालातों का सामना करना पड़ा, उसी को आधार कर रिपोर्ट तैयार की गई है.