दल्ली राजहरा रावघाट परियोजना के अंतर्गत रेलवे लाइन में प्रभावित किसानों द्वारा अपनी समस्या को अवगत कराने के लिए मंडल रेल प्रबंधक किशोर कुमार से मिलने समय मांगा गया था। पहले तो मंडल रेल प्रबंधक द्वारा रेलवे प्रभावित किसानों को 20 सितंबर को 12 से एक बजे समय दिया गया था, फिर उन्हीं द्वारा उक्त तिथि को बढ़ाते हुए 24 सिंतबर को 12 से एक बजे के बीच का समय दिया गया। परंतु फिर भी वह किसानों से नहीं मिले।
दल्ली राजहरा रावघाट परियोजना रेलवे लाइन में प्रभावित किसान जिला कांकेर और बालोद मिलकर करीब 30-35 की संख्या में मंडल रेल प्रबंधक के बुलावे पर मिलने के लिए रेलवे कार्यालय रायपुर पहुंचे थे। लेकिन बहुत कोशिशों के बावजूद किसानों से मंडल रेलवे प्रबंधक किशोर कुमार द्वारा मिलने के लिए अनुमति नहीं दी गई। मंडल रेलवे प्रबंधक दपूम रेलवे रायपुर को स्वयं द्वारा समय देने के बावजूद किसानों से मिलने के लिए समय नहीं था।
हालांकि प्रभावित किसान 200 किमी दूर से मिलने आए थे। अंत में रेलवे प्रभावित किसानों को सहायक रेल प्रबंधक शिवशंकर लकड़ा से मिलाया गया। किसानों द्वारा लकड़ा से अपनी मांग रखते हुए बताया गया कि कांकेर जिले की 25 व बालोद जिले की आवेदको की स्क्रीनिंग तीन माह पहले कराई जा चूकी है, उन्हें अब तक मेडिकल के लिए नहीं बुलाया जा रहा है। तथा आवेदकों की स्क्रीनिंग छः माह पहले कराई गई है उन्हें भी मेडिकल के लिए नहीं बुलाया जा रहा है।
कांकेर जिला और बालोद जिला के कम से कम 25 ऐसे आवेदक हैं। इनका समस्त दस्तावेज रेलवे कार्यालय रायपुर में जमा है लेकिन उन्हें स्क्रीनिंग के लिए भी नहीं बुलाया जा रहा है। समस्त बातों को सुनने के बाद सहायक रेल प्रबंधक शिवशंकर लकड़ा ने किसानों को आश्वासन देते हुए कहा कि मुझे दो दिन का समय दीजिए मैं खुद मंडल रेल प्रबंधक से मिल कर समस्या का समाधान करा दूंगा।
आश्वासन मिलने पर सभी किसान वापस लौट आए परंतु उन्होंने चेतावनी दी है कि अब भी यदि दो दिन बीत जाने के बाद कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो समस्त किसान रेल रोको आंदोलन प्रारंभ करने को बाध्य होंगे। इसकी सारी जिम्मेदारी रेल प्रशासन की होगी। मुलाकात करने वालों में फुलबासन नरेटी, सुशीला दुग्गा, गंगा देहारी, श्याम लाल जुर्री, संतोश मतलाम, आशाराम नेताम व बड़ी संख्या में रेलवे प्रभावित किसान मौजूद थे।