भानुप्रतापपुर। क्षेत्र की प्रधानमंत्री सड़कों में घटिया निर्माण की लगातार शिकायतों के बाद अंततः विभाग ने इसकी सूध ली। रायपुर से एक जांच दल भानुप्रतापपुर क्षेत्र में प्रधानमंत्री सड़कों की जांच के लिए पहुंचा। पहले दिन इस जांच टीम ने बोटेचांग से तुमरीकुही मार्ग की जांच की। जो कि प्रधानमंत्री सड़क में लगे बोर्ड के अनुसार एल 062 से बागवाही मार्ग के नाम से दर्ज है। इस सड़क के बारे में नई दुनिया ने 25 जुलाई को प्रमुखता से खबर छापी थी। जिसमें बताया गया था कि दो करोड़ से अधिक लागत की इस सड़क में ठेकेदार ने इतना घटिया निर्माण कार्य करवाया है कि यह सड़क बनने के एक माह बाद ही उखड़नी शुरू हो गई थी, जगह जगह दरारें आ गई और साइड सोल्डर भी कई जगहों से धसक गया था। कार्यपालन अभियंता एमके रात्रे ने इस पर सफाई दी थी कि यह सड़क अभी पूर्ण नहीं हुई है। इस वजह से यह खराबी नजर आ रही है। बारिश के बाद सड़क को फिर से बनाया जाएगा। परंतु एमके रात्रे अपने इस बयान में यह बात भूल गए थे कि निर्माण अवधि जो कि जून को ही समाप्त हो रही थी, वह बीत चुकी है। विदित हो कि क्षेत्र में लगातार प्रधानमंत्री सडकों के घटिया निर्माण की शिकायतें कई संस्थाओं, पार्टियों सहित सोशल मीडिया में की जाती रही है। परंतु भानुप्रतापपुर डिवीजन के उच्च अधिकारियों के द्वारा इतनी शिकायतों के बावजूद ठेकेदारों का ही पक्ष लेकर मामलों को दबा दिया जाता रहा। परंतु अब बात रायपुर तक पहुंच चुकी है और विभाग के मुख्य कार्यपालन अभियंता छत्तीसगढ के द्वारा एक जांच टीम भेजी गई है जिसमें मुख्य अभियंता सेतू डीएस परगनिहा मुख्य अभियंता बीएल केंवट कार्यपालन अभियंता एचसी आदिल, जीएस अंसारी, अखिलेश राठौर तथा सहायक अभियंता केके श्रीवास्तव शामिल है। इस टीम ने इस सड़क पर सूक्ष्मता से जांच की। कई जगहों से डामर, मुरूम, मिट्टी के सैंपल लिए गए। हालांकि अधिकारियों ने अपनी जांच के बारे में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया, परंतु उनके हावभाव से यही लगता रहा कि वह भी सडक की गुणवत्ता से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं हैं।