बीजापुर। जिला मुख्यालय से 60 किमी दूर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुटरू में स्थानांतरण के बाद कोई कर्मचारी जाना नहीं चाहता परंतु डॉ देवेंद्र मोरला ऐसे डॉक्टर हैं, जिन्होंने कुटरू में पोस्टिंग के बाद महज दो साल में स्वास्थ्य केंद्र को नई पहचान दिलाई है। डॉ मोरला समेत स्वास्थ्य केंद्र के सभी कर्मचारियों की कड़ी मेहनत का ही फल है कि 29 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कुटरू को कायाकल्प अवार्ड 2018 के सम्मान से नवाजा गया। कुटरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को यह सम्मान 24 घंटे आपातकालीन सुविधा, प्रसव सुविधा व 102 और 108 के बेहतर संचालन के साथ बेहतर स्वच्छता के लिए दिया गया। इस पुरस्कार के लिए स्वच्छता और रख-रखाव पर आधारित सात बिंदुओं के परीक्षण से गुजरना होता है। 75 फीसदी अंक अर्जित करने के बाद यह पुरस्कार दिया जाता है। दो साल की कड़ी मेहनत के बाद 75 फीसदी से अधिक अंक प्राप्त कर कुटरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में यह सम्मान प्राप्त किया है। पूरे राज्य में दूसरे स्थान पर आने वाले कुटरू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को मिले सम्मान से स्वास्थ्य विभाग समेत जिला गौरवांवित महसूस कर रहा है।
कुटरू को कायाकल्प अवार्ड के तहत प्रशस्ति पत्र और दो लाख रूपये से मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा सम्मानित किया गया। डॉ मोरला का कहना है कि अंदरूनी क्षेत्र होने के कारण यहां काम करना चुनौतीपूर्ण होता है, परंतु स्टॉफ के सहयोग से मुश्किल काम को पूर्ण करने में सफलता हासिल होती है।