भूत प्रेत और काला जादू जैसे अंधविश्वास ने झारखंड में एक और शख्स की जान ले ली. मामला झारखंड में लोहरदगा के झालजमीरा गांव का है. राज्य में काला जादू करने और डायन होने के शक में हत्याओं का दौर थम नहीं रहा. इन घटनाओं के मद्देनजर सवाल उठता है कि कैसे दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों के लोग मुख्यधारा से कटे हैं और अंधविश्वास के चलते बेकसूर इंसानों की जान ले रहे हैं!
लोहरदगा के झालजमीरा गांव के लोगों ने 52 वर्षीय सहनई ओरांव की हत्या कर दी. गांव के लोगों को शक था कि सहनई काला जादू करता है. उसी गांव के बिरसा ओरांव पुत्र सुकरा ओरांव की मंगलवार सुबह मौत हो गई थी. बिरसा की मौत के बाद गांव वाले अंतिम संस्कार की एक रीति को पूरा करने के लिए उसके शव को पानी देने गए. सहनई इसमें शामिल नहीं हुआ. इस पर गांव वालों को शक हुआ कि सहनई ने ही जादू टोना किया है.
इसके बाद गांव वालों ने सहनई ओरांव को पीट-पीट कर अधमरा कर दिया. सहनई के सुध खोने के बाद ग्रामीणों की भीड़ ने उसका सिर पत्थर से कुचल दिया. हत्या के बाद गांव वालों ने सहनई का शव गांव के ही आंगनबाड़ी केंद्र के पास फेंक दिया. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने सहनई के शव को कब्जे में ले लिया है. सहनई के बेटे के बयान के आधार पर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली है और मामले की जांच की जा रही है.