असम से भारतीय सेना से रिटायर्ड जूनियर ऑफिसर मोहम्मद सनाउल्लाह इस साल उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे जब असम फॉरनर्स ट्रिब्यूनल ने उन्हें विदेशी घोषित करते हुए डिटेंशन कैम्प भेज दिया था। अब कल जारी हुई फाइनल असम एनआरसी की लिस्ट में वो अपना नाम शामिल कराने में असफल रहे हैं।
पत्नी का नाम लिस्ट में शामिल
एक सवाल के जवाब में सनाउल्लाह ने कहा कि वह अगले कदम से पहले फॉरनर्स ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में लंबित अपील पर फैसले का इंतजार करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि ऐसी उम्मीद थी कि आखिरी वक्त में एनआरसी लिस्ट में नाम जोड़ दिया जाएगा, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया है। आपको बता दें कि फाइनल लिस्ट में सनाउल्लाह की दोनों बेटी और एक बेटे का नाम भी गायब है, तो वहीं सनाउल्लाह की पत्नी का नाम इसमें शामिल है।
फाॅरनर्स ट्रिब्यूनल में दायर करनी होगी अपील
ज्ञात हो कि असम एनआरसी की फाइनल लिस्ट शनिवार की सुबह जारी की गई। जिसमें करीब 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं किया गया है। इन लोगों को अब अपनी नागरिकता साबित करने के लिए फॉरनर्स ट्रिब्यूनल में अपील दायर करनी होगी।
भेज दिया गया था डिटेंशन कैंप
मोहम्मद सनाउल्लाह को इस साल मई के महीने में ट्रब्यूनल की तरफ से विदेशी घोषित कर असम के एक डिटेंशन कैम्प में भेज दिया गया था। जिसके बाद गुवाहाटी हाईकोर्ट की तरफ से उन्हें राहत मिली थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने फॉरनर्स ट्रब्यूनल के पहले के आदेश को निरस्त नहीं किया, जिसमें सनाउल्लाह को विदेशी करार दिया गया। हाईकोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई आगे जारी रहेगी।
आपको बता दें कि भारतीय सेना से रिटायर्ड सुबेदार 52 वर्षीय सनाउल्लाह ने साल 1987 में फोर्स ज्वाइन किया था।