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छत्तीसगढ़ : कहां है गणेश…? अफसर छिपा रहे लोकेशन, मारने की साजिश की आशंका, हाथी के हमले से हुई हर मौत का आरोप गणेश पर मढ़ा जा रहा

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धरमजयगढ़ और रायगढ़ वनमंडल में कथित तौर पर आतंक का पर्याय बन चुके गणेश नामक नर हाथी पर मानव वध के कई आरोप लग चुके हैं। बावजूद इसके विभागीय अधिकारी इस बात का खंडन करने के बजाय मौन साधे बैठे हुए हैं। इस वजह से गणेश हाथी को लेकर तीनों वनमंडल के लोगों में आक्रोश है। विभागीय अधिकारी की मानें, तो गणेश का रेडियो कॉलर के माध्यम से लोकेशन लिया जा रहा है। उस आधार पर लोगों को गणेश से अलर्ट रहने मुनादी कराई जा रही है। वर्तमान में गणेश हाथी का लोकेशन धरमजयगढ़ के छाल क्षेत्र के जंगल में है।

हाथी प्रभावित क्षेत्रों में हाथियों के लोकेशन के आधार पर विभागीय अधिकारी सोशल मीडिया के माध्यम से वाॅयरल करते हैं। गणेश हाथी के लोकेशन को लेकर सोशल मीडिया में किसी तरह से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। गणेश हाथी जिस क्षेत्र में विचरण करता है, उस क्षेत्र के लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। धरमजयगढ़ वनमंडल के छाल इलाके में पिछले महीने जंगली हाथी के हमले से दो लोगों की मौत की घटना हुई है। दोनों घटनाओं को अंजाम देने का आरोप गणेश हाथी पर लगा। विभागीय रिपोर्ट में दोनों घटनाओं में गणेश हाथी का किसी भी तरह से कोई जिक्र नहीं किया गया है। जिस क्षेत्र में दोनों घटनाएं हुई हैं, उन क्षेत्रों में गणेश हाथी के अलावा हाथियों का अन्य दल भी भ्रमण करता है।

गणेश को लेकर तरह-तरह की अफवाहें

कोरबा, रायगढ़ तथा धरमजयगढ़ वनमंडल में सोशल मीडिया में गणेश हाथी को लेकर तरह-तरह की अफवाह फैलाई जा रही हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से अफवाह उड़ाई गई थी कि गणेश को ट्रैंक्यूलाइज करने के बाद जिस ट्रक में चढ़ाया गया था, उस ट्रक के ड्राइवर को गणेश ने अकेले में देखकर मारने की कोशिश की। ट्रक ड्राइवर ने बाद में इस बात का खंडन किया।

मानव से दूरी बनाकर चल रहा

गणेश हाथी को ट्रैंक्यूलाइज कर जब पकड़ा गया और वह बाद में वन विभाग के कब्जे से सांकल तोड़कर भाग गया। उसके बाद से उसके व्यवहार में स्थानीय लोग परिवर्तन आने की बात कह रहे हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक ट्रैंक्यूलाइज होने के बाद से गणेश मानव से एक निश्चित दूरी बनाकर रह रहा है और उसका व्यवहार पहले की तुलना में शांत हो गया है।

मारने की साजिश तो नहीं

गणेश हाथी को रेस्क्यू करने के पहले विभागीय अधिकारियों के बीच गहन विचार विमर्श किया गया। इसी बीच वन विभाग के एक आला अधिकारी ने गणेश को शूटआउट कर मारने की सलाह दी थी। इस आधार पर वन्यजीव प्रेमियों को आशंका है कि विभागीय अधिकारी जानबुझकर गणेश हाथी को बदनाम करने की साजिश को हवा तो नहीं दे रहे हैं। लोगों का आक्रोश बढ़ने के बाद इसका फायदा उठाकर गणेश को शूट करने अनुमति लेकर उन्हें मार न दें। इसी वजह से गणेश के रेडियो कॉलर लोकेशन को सार्वजनिक नहीं करने का आरोप लगा रहे।

ट्रैंक्यूलाइज करेंगे

गणेश चतुर्थी के बाद एक बार फिर से गणेश को ट्रैंक्यूलाइज किया जाएगा, इसके बाद उसे जंगल में छोड़ा जाएगा। फिलहाल गणेश को शूटआउट करने को लेकर कोई तैयारी नहीं है।

– अतुल शुक्ला, पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ

लोकेशन ट्रेस कर रहे

गणेश हाथी का रेडियो कॉलर के माध्यम से नियमित लोकेशन ट्रेस किया जा रहा है। गणेश के लोकेशन को हम अपने इंटरनल ग्रुप में शेयर कर रहे हैं। सुरक्षा कारणों से उसका लोकेशन पब्लिक डोमेन में नहीं डाला जा रहा है।

– प्रियंका पाण्डेय, डीएफओ, धरमजयगढ़ वनमंडल