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बाढ़ से मची तबाही के बीच कई राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी, और बिगड़ेंगे हालात

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बाढ़ प्रभावित इलाकों में हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय टीमों का प्रभावित राज्यों का दौरा अभी भी जारी है। महाराष्ट्र में बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए केन्द्र से दो दल बुधवार को पहुंचा। मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहायक सचिव डॉ. वी थिरूपुगज के नेतृत्व में सात सदस्यों का दल बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए आ रहा है। राज्य सरकार ने भयावह बाढ़ से हुए नुकसान के लिए केन्द्र सरकार को 6813 करोड़ रुपये के लिए प्रस्ताव भेजा है। इस दल में कृषि विभाग के आर. पी. सिंह, व्यय विभाग के चित्तरंजन दास, ऊर्जा विभाग के ओम किशोर, सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग के संजय जैसवाल, ग्रामीण विकास विभाग के वी. पी. राजवेदी और जल विभाग के मिलिंद पान पाटिल शामिल हैं। यह दल बाढग़्रस्त इलाकों का चार दिन का दौरा करेंगे।

पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों में पीड़ितों के लिए साढ़े चार करोड़ रुपए जारी किये हैं। राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने बताया कि सबसे ज्यादा तबाही जालंधर, कपूरथला और रूपनगर जिले में देखने को मिली और तीनों जिलों के लिए एक-एक करोड़ रुपए तथा लुधियाना, मोगा और फिऱोजपुर को 50-50 लाख रुपए की राशि जारी की गई। कांगड़ ने बताया कि इससे पहले राहत एवं बचाव कार्य शुरू करने के लिए पौने दो करोड़ रुपए की राशि 35 लाख रुपए के अनुपात के साथ इन बाढ़ प्रभावित जिलों को दी गई थी।

पंजाब के जल संसाधन मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया ने कहा है कि बाढ़ प्रभावित लुधियाना, मोगा और जालंधर जिले में सतलुज नदी के तटबंधों में आयी बारह दरारों को पाटने का काम युद्ध स्तर पर जारी है। गौरतलब है कि राज्य के बाढ़ प्रभावित कुछ जिलों में त्रासदी झेल रहे लोग बेबस तथा असहाय महसूस कर रहे हैं क्योंकि उनके गांवों में अभी तक कई फुट पानी भरा हुआ है तथा घरों की छतों पर भादों की चिलचिलाती धूप में समय काट रहे लोगों को नावों के सहारे खाने पीने का सामान मुहैया कराया जा रहा है।

इनके मवेशी भी बाढ़ में बह गये और घर का सारा सामान खराब हो गया। गत 19 अगस्त से तीन दिनों तक भारी बारिश होने तथा भाखड़ा बांध का जलस्तर खतरे के निशान के आसपास पहुंचने पर उससे छोड़े गये पानी के कारण सतलुज नदी ने बाढ़ की स्थिति पैदा की और इसके अलावा कुछ छोटे नदी नालों के पानी ने हालात को और खराब किया जिससे पंजाब के नौ जिलों में घुसे बाढ के पानी ने तबाही मचाई जिसका दंश अब तक लोग झेल रहे हैं। लोग सड़कों या शिविरों में रहकर दिन गुजारने का मजबूर हैं और सब कुछ गंवा देने के बाद वो सरकारी सहायता पर निर्भर हैं। सरकारिया ने बताया कि अब तक बारह दरारों को भरा जा चुका है और शेष दरारों को पाटने का काम जारी है।

आने वाले कुछ दिनों में इन दरारों को भर दिया जायेगा। उन्होंने भी अपना एक माह का वेतन बाढ़ प्रभावितों के लिये मुख्यमंत्री राहत कोष में दिया है। प्राकृतिक आपदा ने राज्य में भारी तबाही मचाई है। राज्य सरकार तथा विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सतलुज नदी में आई दरारों को भरने में बड़ा योगदान दिया है। उनके विभाग के अधिकारी भी इस काम में हाथ बंटा रहे हैं। सरकारिया ने बताया कि फिल्लौर उपमंडल के मीओवाल तथा माउ साहिब गांवों में सतलुज नदी के तटबंधों में आई नौ बड़ी दरारों को भर दिया गया है। अब लुधियाना जिले में भोलेवाल गांव में पड़ी 168 फुट चौड़ी दरार को पाटने का काम गत शनिवार को पूरा कर लिया गया। मोगा जिले के किशनपुरा गांव में पड़ी दो दरारों को भी भर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित जालंधर जिले के जानियां चहल गांव में नदी तटबंध में पड़ी पांच सौ फुट चौड़ी दरार तथा संगोवाल में पड़ी दो सौ फुट चौड़ी दरार को पाटने में बड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

रोपड़ जिले के भाउवाल गांव में सतलुज नदी के तटबंध में आई पचास फुट ,खैराबाद गांव में डेढ़ सौ फुट चौड़ी दरार तथा सुरतापुर गांव में साठ फुट चौड़ी दरार को पाटा जा रहा है। पंजाब में जालंधर जिला के बाढ़ प्रभावित गांवों में जनजीवन अब धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। पीड़ितों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए जिला प्रशासन ने बाढ़ से प्रभावित कुल 21 गांवों में से 14 गांवों तक बिजली और तीन गांवों में जल आपूर्ति शुरू कर दी है। जिला उपायुक्त वरिंदर कुमार शर्मा ने बताया कि पंजाब पावरकॉम (पीएसपीसीएल) के अधिकारियों ने गांव मंडला, नसीरपुर और जनिया में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी है। उन्होंने कहा कि पीएसपीसीएल ने पहले गट्टी रायपुर, गत्ती बख्श, कमालपुर, जक्कापुर, कक्कर कलां, फतेहपुर, नवन पिंड खालेवाल, कांग खुर्द, जलालपुर, सरदारवाला और कोठा में बिजली आपूर्ति रविवार तक बहाल की थी।

उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे पानी की कमी हो रही है, इन बाढ़ से प्रभावित गांवों में बिजली की आपूर्ति फिर से शुरू की जा रही है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द शेष गांवों में बिजली आपूर्ति फिर से शुरू कर दी जाएगी। इस बीच, अधिशाषी अभियंता (सिटी डिवीजन) पीएसपीसीएल गुरप्रीत सिंह ने कहा कि जैसे-जैसे बाढ़ प्रभावित गांवों में जलस्तर कम हो रहा है, पीएसपीसीएल के कर्मचारी बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए गांवों में जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अन्य गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं। शर्मा ने कहा कि शाहकोट उपमंडल के बाढग़्रस्त गाँवों में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर कदम उठाए गए हैं, ताकि लोगों को पीने का पानी मिल सके।

उन्होंने कहा कि प्रशासन के कड़े प्रयासों के कारण माणक, साबूवाल और कारा राम ङ्क्षसह के तीन गांवों को जलापूर्ति योजना बहाल कर दी गई है। हालांकि गांव गिद्दड़पिंडी, युसफपुर दरेवाल और कांग खुर्द की जल आपूर्ति योजनाएं बाढ़ में डूबी हुई हैं, लेकिन टैंकरों के माध्यम से पीने योग्य पीने का पानी सुनिश्चित किया जा रहा है क्योंकि ये गांव अब सड़कों के माध्यम से सुलभ हैं। उपायुक्त ने कहा कि उन क्षेत्रों के लिए जो अभी भी सड़क मार्ग से टूटे हुए हैं उनमें नावों के माध्यम से आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने कहा कि अब तक लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए गांवों में लगभग 20,000 लीटर पानी की आपूर्ति की गई है।

मुख्यमंत्री के वरिष्ठ सलाहकार, लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) टी. एस. शेरगिल ने जिले के बाढग़्रस्त प्रभावितों को राहत प्रदान करने में एक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए गार्जियंस ऑफ गवर्नेंस से आगे आने का आह्वान किया है। शाहकोट के गार्जियंस ऑफ गवर्नेंस के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए, श्री शेरगिल ने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पहले ही बाढ़ प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए कई पहल की है। उन्होंने कहा कि फसलों के लिए विशेष गिरदावरी का आदेश देने के अलावा मुख्यमंत्री ने पहले ही जिला प्रशासन से बाढ़ से प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए हर संभव कदम उठाने को कहा है।

पूर्वी राजस्थान, सौराष्ट्र और कच्छ में अगले 12 घंटे तेज से बहुत तेज तथा अंडमान-निकोबार द्वीप समूह, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल में गंगा के तटवर्ती इलाके, ओडिशा, पश्चिम राजस्थान, गुजरात, तटीय कर्नाटक, केरल और माहे में अलग-अलग स्थानों पर तेज बारिश होने के आसार हैं। मौसम विभाग के मुताबिक इस दौरान पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, झारखंड और बिहार में अलग-अलग स्थानों पर गरज के साथ बारिश होने के आसार हैं। पश्चिम मध्य और दक्षिण पश्चिम अरब सागर में 45-55 किमी प्रति घंटे की तेज गति से हवा चलने का अनुमान है इसलिए मछुआरों को सलाह दी गयी है कि वे इन क्षेत्रों में प्रवेश नहीं करें। दक्षिण-पश्चिम मानसून, पूर्व राजस्थान, पश्चिम मध्य प्रदेश, गुजरात और केरल में सक्रिय रहा जबकि पश्चिम बंगाल के पर्वतीय क्षेत्र, सिक्किम, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, मराठवाड़ा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तर आंतरिक कर्नाटक में मानसून कमजोर रहा।