छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) स्थित तीरथगढ़ जल प्रपात (Tirathgarh Water Falls) में 22 अगस्त की देर शाम 7 पर्यटक फंस गए. क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ (Flood) के कारण करीब 4 घंटे तक ये सातो पर्यटक जिंदगी और मौत के बीच जूझते रहे. पुलिस (Police) ने काफी मशक्कत के बाद इन्हें बाहर निकालने में सफलता पाई. पर्यटकों को बचाने के लिए पुलिस के जवानों ने तीन घंटे तक मशक्कत की. इसके बाद उन्हें सफलता मिली. इस घटना ने पर्यटन स्थलों में पर सुरक्षा व्यवस्था के दावों की भी पोल खोल दी है. बस्तर (Bastar) के दरभा पुलिस (Darabha) से मिली जानकारी के मुताबिक बीते गुरुवार की शाम करीब 5 बजे रायपुर (Raipur) और ओडिशा (Odisha) के सात पर्यटक तीरथगढ़ जलप्रपात पहुंचे थे. पर्यटकों ने पुलिस को बताया कि शाम सात बजे तक स्थिति आम दिनों के जैसी ही समान्य थी, लेकिन करीब सवा सात बजे अचानक बाढ़ आई. पानी का बहाव इतना तेज था कि 5 मिनट में ही वहां बना पुल डूबने लगा. पर्यटकों को वहां से निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझा.
चार घंटे तक पुल का ग्रिल पकड़े रहे पर्यटक पर्यटकों ने पुलिस को बताया कि पुल की ग्रिल पकड़कर वे खड़े रहे. इस बीच आस पास आवाज लगाई, लेकिन कोई नजर नहीं आया. इसके बाद दरभा पुलिस स्टेशन में इसकी जानकारी दी गई. दरभा पुलिस थाना प्रभारी अपने 12 साथियों को लेकर घटना स्थल पहुंचे, लेकिन कोई संसाधन नहीं होने के कारण वे पर्यटकों को निकालने में असमर्थ रहे. इसके बाद पुलिस जवानों ने पास के गांव से रस्सी लाई और पर्यटकों को निकालने की प्रक्रिया की गई. रात करीब 11 बजे पर्यटकों को सही सलामत बाहर निकाला जा सका. बता दें कि दो साल पहले इसी जगह जबलपुर के पांच पर्यटक फंस गए थे. मिली जानकारी के मुताबिक दुर्घटना की स्थिति में वहां राहत कार्य के लिए कोई संसाधन उपलब्ध नहीं है. इसके चलते परेशानी का सामना करना पड़ता है.