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अधीक्षक कहते हैं मैं गुंडा भी और हीरो भी छात्रों से मारपीट कर…

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पोटाकेबिन बालक आश्रम तोंगपाल के छात्रों ने सोमवार को सुकमा पहुंच कलेक्टर के समक्ष अधीक्षक पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अधीक्षक आश्रम के अंदर अपने कक्ष में्रदोस्तों को बुलाकर शराब पीते है और नशे में आकर छात्रों को मारपीट करते और मैं गुण्डा भी हूं हीरो भी हूं कहकर छात्रों को धमकाते हैं और नास्ता नहीं खिलाया जाता है।्रऑल इंडिया स्टूडेंटस फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष महेश कुंजाम के नेतृत्व में करीब 60 छात्र कलेक्टर से मिलने पहुंचे थे।कुंजाम ने जारी विज्ञप्ति में बताया कि छात्रों द्वारा कलेक्टर को समस्या बताने पर उन्होंने मुस्कुराकर छात्रों की समस्या को गंभीरता से न लेकर कोई आश्वासन के बिना वापस भेज दिया गया है। कुंजाम ने कहा कि आदिवासी छात्रावास, आश्रम में एसटी कैटेगरी के व स्थानीय अधीक्षकों को जिम्मेदारी देने का नियम है लेकिन जिले में कई छात्रावास आश्रम में जनरल अधीक्षकों को जिम्मेदारी दिया गया है। यह सब मनमानी्र तरिके से किया जा रहा है।सभी छात्रावास आश्रम में छात्र नायक नियुक्ति करना अनिवार्य इसलिए है क्योंकि अधीक्षक छात्र नायक का ज्वाइन्ट खाता खोला जाता है जिससे शिष्यवृत्ति दोनों के हस्ताक्षर से निकाला जा सके है। लेकिन अजीब सा मामला है कि छात्रों का पैसा कितना निकाल रहे हैं कितना खर्च कर रहे हैं छात्रों को पता ही नही चलता है। छात्रों को प्रतिमाह मेस चार्ज बताने का नियम है लेकिन नहीं बताया जाता है ये समस्या जिले के सभी छात्रावास आश्रम में है। छात्रों को मीनू चार्ट के अनुसार नहीं खिलाया जाता है।आये दिन आदिवासी छात्रों के साथ मारपीट व अन्य घटनाएं हो रही है और प्रशासन ही इसको संरक्षण दे रही है।्र

छात्रों को गुमराह किया जा रहा

इस शिकायत पर तोंगपाल पोटाकेबिन के अधीक्षक दीपक वादेकर ने बताया कि अभी हाल ही में मेरी नियुक्ति हुईं है। आने के बाद बच्चों का बाहर घुमना बंद करवा दिया व मैंने रात में कई बार दो-तीन बजे छात्रों को मोबाइल उपयोग करते हुए देखा इस पर कार्यवाही करते हुए छात्रों से 80 नग मोबाइल जप्त कर उनके पालकों को वापस कर उन्हें इस प्रकार की हरकत न करने की् समझाइश दी। कोई भी अवांछनीय व्यक्ति कभी भी पोटाकेबिन में नही आता है। खाने पीने की उत्तम व्यवस्था है। बच्चों को किसी के द्वारा गुमराह किया जा रहा है।