तेलंगाना सीमा पर बसे पामेड़ में पिछले एक पखवाड़ा से हो रही मूसलाधार बारिश का असर देखने को मिला है, जहां बारिश पुल समेत नवनिर्मित सड़क को बहा ले गई। करीब आठ माह पहले ही सड़क का निर्माण पूर्ण हुआ था। इसके माध्यम से तेलंगाना के चेरला शहर को जोड़ा गया था। पुल समेत सड़क के बह जाने से अब इलाके के लोगों के लिए समस्या खड़ी हो गई है। पामेड़ को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए पूर्व कलेक्टर और एसपी के प्रयास से पामेड़ से तिप्पापुरम तक पक्की सड़क का निर्माण किया गया था। 12 करोड़ की लागत से बनने वाले 10 किमी लम्बे सड़क के निर्माण की जिम्मेदारी शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन को दिया गया था। सड़क के गुणवत्त्ता की पोल पहली बारिश में ही खुल गई थी, जब सड़क जगह-जगह धंसकर टूट गई थी, जिसे नईदुनिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। अब मूसलाधार बारिश के चलते पामेड़ और धरमाराम के बीच पामेड़ गांव से महज 200 मीटर दूर खेतों के बीच सड़क पुल समेत बह गई है।
धरमाराम इलाके के गांवों का संपर्क टूटा
इस कारण धरमाराम इलाके के दर्जनों गांव पामेड़ और तेलंगाना से पूरी तरह कट चुके हैं। तब जिला प्रशासन और जिला निर्माण समिति ने जांच भी करवाई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस मामले में कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक जय कुमार नायर का कहना है कि सड़क निर्माण के दौरान ही शासन-प्रशासन को अवगत करवाया गया था कि नई सड़क का निर्माण कराया जा रहा है और जब तक पुल-पुलियों में रिटर्निंग वॉल का निर्माण नहीं कराया जाएगा, तब तक सड़क के धसकने और पुल-पुलियों के ढहने का खतरा बना रहेगा।