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पत्थलगांव-किलकिला पहुंच मार्ग हुआ निर्माण के डेढ़ माह में ही जर्जर

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पत्थलगांव-किलकिला पहुंच मार्ग निर्माण के डेढ़ महीने में ही एक बार फिर जर्जर होने लगा है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो गए हैं। आलम यह है कि नवनिर्मित सड़क पर लोगों का चलना दूभर हो गया है। उधर विभाग निर्माण अवधि शेष होने के कारण बारिश के बाद इसकी मरम्मत कराने की बात कह रहा है। इसे लेकर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।

पत्थलगांव-किलकिला पहुंच मार्ग क्षेत्र की महत्वपूर्ण सड़कों में गिना जाता है। यह पत्थलगांव को रायगढ़ के सीमांत क्षेत्र कापू से जोड़ता है वहीं किलकिला में ही पवित्र शिव मंदिर तक पहुंच का भी यही इकलौता मार्ग है। मंदिर में दर्शन के लिए यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। मात्र 3 मीटर चौड़ाई की सड़क होने से यहां लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ता था। वहीं कई वर्षों से इसकी मरम्मत नहीं होने से सड़क जर्जर हो गई थी। लोगों द्वारा सड़क की मरम्मत के साथ ही इसके चौड़ीकरण की मांग की जा रही थी। लोगों की मांग को देखते हुए शासन की ओर से इसके चौड़ीकरण और पुननिर्माण के लिए 3 करोड़ 57 लाख रू की राशि स्वीकृत की गई थी। इस राशि से सड़क के 8 किमी लंबाई में चौड़ीकरण और पुननिर्माण का कार्य किया जाना था। इसमें सड़क की चौड़ाई बढ़ाकर 5.5 मीटर की जानी थी। वहीं पूरे 8 किमी की लंबाई में निर्माण किया जाना था। जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री गाम सड़क योजना के तहत इस सड़क का निर्माण अभी जून में ही पूरा हुआ है। निर्माण पूरा हुए अभी 2 माह भी नहीं बीते हैं और सड़क एक बार फिर जर्जर हो गई है। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे पड़ गए हैं। मात्र डेढ़ माह पुरानी इस सड़क में एक दो नहीं बल्कि सैकड़ों गड्ढे बन गए हैं। बारिश होने पर इन गड्ढों में पानी भर गया है। जिसकी वजह से लोगों का यहां पर चलना भी दूभर हो गया है। खास तौर पर दुपहिया सवार और पैदल चलने वाले लोगों को यहां मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इससे यहां आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। खास तौर पर दुपहिया सवार पानी की वजह से गड्ढों की गहराई समझ नही पाते और दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। दूसरी ओर जर्जर सड़क की वजह से स्कूली बच्चे परेशानियों से गुजर रहे हैं। गौरतलब है कि ईला,इंजको समेत आस-पास के सभी गांवों से स्कूली बच्चे इसी सड़क से होकर पत्थलगांव पहुंचते हैं। परंतु बारिश और कीचड़ की वजह से यहां उनकी यूनिफार्म खराब होने के साथ ही उनके दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना भी बनी रहती है। एक से डेढ़ माह पूर्व निर्मित सड़क की इस दुर्दशा को लेकर लोगों ने नाराजगी जताई है। लोगों का कहना है कि इतनी शीघ्र सड़क की दुर्दशा निर्माण की गुणवत्ता बयां करने के लिए काफी है। उनका यह भी कहना है कि पहले ठेकेदार द्वारा चौड़ीकरण के लिए सड़क के किनारे गड्ढे खोदकर छोड़ दिए थे। जिससे दुर्घटनाएं हुईं अब निर्माण पूरा होने के बाद गड्ढों की वजह से लोग दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। उनका कहना है कि सड़क निर्माण के बाद पहली बार ही बारिश का सामना कर रही है और इस बार बारिश भी बाकी वर्षों की अपेक्षा काफी कम हुई है। परंतु इसके बावजूद सड़क की स्थिति इस प्रकार हो गई है मानो वर्षों पहले इसका निर्माण हुआ हो। लोगों ने कलेक्टर और कमिश्नर को पूरे मामले से अवगत कराने की बात भी कही है। उधर विभाग के अधिकारी भी सड़क के जर्जर होने की बात स्वीकार कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अनुविभागीय अधिकारी राम साहू का कहना है कि ठेकेदार द्वारा सड़क का निर्माण पूरा कराए जाने की अवधि सितंबर तक है और बारिश के बाद ठेकेदार से सड़क के गड्ढों की मरम्मत कराई जाएगी। लोगों ने सड़क की गुणवत्ता की जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है।

सड़क के निर्माण की अवधि अभी शेष है। बारिश के कारण काम अभी नहीं किया जा सकता। बारिश थमने के बाद सड़क के जो भी गड्ढे हैं उनकी मरम्मत कराई जाएगी।”

राम साहू

एसडीओ,पीएमजीएसवाई,पत्थलगांव