आठ दिनों पूर्व माचकोट क्षेत्र के तिरिया जंगल में पुलिस व नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में तीन महिला समेत छह नक्सली मारे गए थे। इनमें से चार की शिनाख्त की गई थी। पुलिस ने शव मेकॉज मरच्यूरी में सुरक्षित रखवाया था।
विशाखापटनम आंध्र निवासी नक्सली श्वेता के परिजनों को सूचना मिलने के बाद रविवार को वे शव लेने पहुंचे। पुलिस से संपर्क के बाद दोपहर को शव अंतिम संस्कार के लिए ले गए। मृतका श्वेता के चाचा व अन्य रिश्तेदारों ने गमगीन माहौल में कहा कि उनकी बेटी वर्षों से घर नहीं लौटी। वह रास्ता भटक गई थी।
बता दें कि 27 जुलाई की शाम पुलिस बल व नक्सलियों के बीच तिरिया जंगल मेें मुठभेड़ हुई थी जिसमें छह नक्सली मारे गए थे। वहीं क्रास फायरिंग में एक ग्रामीण भी मारा गया था। घटना स्थल से पुलिस ने एक आटोमेटिक इंसास समेत अन्य हथियार भी बरामद किया था।
मारे गए नक्सलियों के तस्वीरें पुलिस ने तेलंगाना व ओडिशा पुलिस को भेजी थी। इनमें से चार नक्सलियों की शिनाख्त उन्होंने आंध निवासी नक्सलियों के रूप में की थी। पुलिस ने शवों को सुरक्षति रखने के लिए एम्बाम्बिंग भी करवाया था। वहीं फ्रीजर में शव रखे गए थे।
माता-पिता की मौत के बाद रास्ता भटकी श्वेता
मारे गए नक्सलियों में श्वेता भी शामिल थी। वह विशाखापटनम की रहने वाली थी। रविवार को शव लेने यहां पहुंचे श्वेता के चाचा वी शेखरा ने बताया कि श्वेता के माता-पिता की मौत पहले ही हो चुकी है। उनकी मौत के बाद श्वेता रास्ता भटककर नक्सल संगठन में शामिल हो गई।
उन्हें दो दिन पूर्व वहां की पुलिस थाने से श्वेता के मारे जाने की खबर मिली थी। उसके गृहग्राम में वे श्वेता का अंतिम संस्कार करेंगे। शव की शिनाख्त एवं अन्य औपचारिकताओं के लिए सीएसपी हिमसागर सिदार पहुंचे थे। उन्होंने बताया कि बाकी नक्सलियों के शव अभी भी रखे हुए हैं। उनके परिजनों तक सूचना पहुंचने के बाद शव की शिनाख्त कराकर सुपूर्द किए जाएंगे। परिजन नहीं आने पर पुलिस इन्हें दफनाएगी।