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छत्तीसगढ़ /जगदलपुर से 18 किमी दूर डीआरजी जवानों ने मुठभेड़ में 6 नक्सलियों को किया ढेर

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छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में डीआरजी जवानों ने मुठभेड़ में छह नक्सलियों को मार गिराया है। मारे गए नक्सलियों के शव और उनके हथियार जवानों ने बरामद कर लिए हैं। मारे गए नक्सलियों की अभी पहचान नहीं हो सकी है। नक्सलियों से यह मुठभेड़ शहर से महज 18 किमी दूर हुई है। इसको लेकर दैनिक भास्कर ने पहले ही आगाह किया था कि तिरिया माचकोट के जंगलों नक्सली एक बार फिर अपना ठिकाना बना रहे हैं। फिलहाल क्षेत्र में जवानों का सर्चिंग ऑपरेशन जारी है। मारे गए नक्सलियों की संख्या बढ़ने की संभावना है।

दो दिनों से घेराबंदी कर डेरा जमाए बैठे थे जवान

  1. दरअसल, सूचना मिल रही थी कि  छत्तीसगढ़-ओडिशा की सीमा से लगते तिरिया माचकोट के जंगलों में नक्सली अपनी पैठ बना रहे हैं। दलम की संख्या बढ़ाने के लिए ग्रामीणों से नक्सली लगातार संपर्क कर रहे थे। सूचना के आधार पर डीआरजी की टीम इलाके में दो दिन पहले ही पहुंच गई थी। जवान वहां लगातार नक्सलियों की घेराबंदी कर रहे थे। इस बीच शनिवार शाम को जवानों की नक्सलियों से मुठभेड़ हो गई। इस मुठभेड़ में नक्सलियों को बड़ा नुकसान हुआ है।  मारे गए नक्सलियों के पास से जवानों ने 303, इंसास राइफल और विस्फोटक बरामद किया है। 
  2. दैनिक भास्कर ने पहले ही किया था अगाह नक्सलियों की इस आमद को लेकर दैनिक भास्कर ने 27 अप्रैल को ही खबर प्रकाशित की थी। इसमें कहा गया था कि शहर सीमा से लगे माचकोट और तिरिया के जंगलों में लाल आंतक की सुगबुगाहट तेज हो गई है। इस पूरे इलाके में पिछले कुछ दिनों में नक्सलियों ने अपनी मौजूदगी दिखाई है। नक्सलियों का एक बड़ा कैडर इस इलाके में न सिर्फ घूम रहा है बल्कि ग्रामीणों के लिए कई दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं। नक्सलियों ने कई बार यहां ग्रामीणों की बैठक भी ली है। 
  3. तिरिया माचकोट इसलिए चुना फिर नक्सलियों ने तिरिया-माचकोट सिर्फ जंगल नहीं बल्कि ओडिशा जाने के लिए सबसे सुरक्षित रास्ता है। एनएमडीसी स्टील प्लांट के लिए यहीं से पानी ले रहा है। तिरिया और माचकोट में घना जंगल तो है ही, पूरा इलाका ओडिशा से सटा है। बॉर्डर का इलाका होने से नक्सलियों के लिए अभी यह जंगल सबसे सुरक्षित है। माचकोट की तरफ ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस का ध्यान थोड़ा कम था। इसके अलावा यहां एनएमडीसी का इंटेकवेल का काम भी युद्धस्तर पर चल रहा है। ऐसे में नक्सली इसका भी फायदा उठाना चाह रहे थे।