हरदा जिले के सिराली तहसील मुख्यालय पर राज्य शासन द्वारा लाखों रुपये खर्च कर आदिवासी बालिका छात्रावास के लिए हाल ही में एक भवन का निर्माण कराया गया है, जो पूरा हो चुका है, लेकिन कुछ ही दिनों में यह नवनिर्मित भवन खंडहर में तब्दील हो गया है। यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहा है, लेकिन इस ओर प्रसासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ध्यान ही नहीं है।
जानकारी के मुताबिक, वर्षों से सिराली नगर में आदिवासी बालिका छात्रावास हजारों रुपये भवन किराया देकर संचालित किया जा रहा है। इसके लिए पूर्ववर्ती भाजपा शासनकाल में भवन की स्वीकृति हुई थी और शासन द्वारा लाखों रुपये खर्च कर वार्ड क्रमांक 20 स्थित नहार जंगल मोहल्ले में आदिवासी बालिका छात्रावास भवन का निर्माण भी करा दिया गया, लेकिन यह भवन अब तक जिला प्रशासन के हैंडओवर नहीं हुआ है, जिसके चलते यह भवन असामाजिक गतिविधियों का अड्डा बन गया है।
रात में यहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा देखने को मिलता है। असामाजिक तत्वों द्वारा लाखों की लागत से बने इस छात्रावास भवन को खंडहर बना दिया है। खिड़कियां-दरवाजे, बिजली फिटिंग, लाइटें आदि तोडफ़ोड़ दिये हैं। दरवाजे-पंखे आदि भी लोग निकालकर ले गए, लेकिन इस ओर जिम्मेदारों का ध्यान ही नहीं जा रहा है। भवन बन जाने के बावजूद अब तक आदिवासी बालिका छात्रावास किराए के भवन में ही संचालित हो रहा है।
क्या कहते हैं जवाबदार
जिले में जितने भी आदिवासी छात्रावास भवन हमारे हैंडओवर में हैं, उनमें छात्रावास संचालित हो रहे हैं और जो हमारे हैंडओवर नहीं है, उसमें भी हमारे द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। सिराली में बना भवन अभी हमारे हैंडओवर नहीं हुआ है, जल्द ही इसे अपने अधीन लेकर उसमें भी छात्रावास संचालित किया जाएगा।