छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में बादलखोल वन अभ्यारण से सटे गांव के लोग दंतैल हाथी के आतंक से खासे परेशान हैं. हाथी उन घरों में बार-बार हमला कर रहा है, जहां वो पहले हमला कर चुका है. ग्रामीण इस कदर दहशत में हैं कि अब पक्के मकान की छत में खुले आसमान के नीचे तंबू लगाकर सोने को मजबूर हैं. वहीं हाथी की समस्या को लेकर शासन-प्रशासन से ग्रामीण खासे नाराज हैं और खुद हाथियों पर हमला कर रहे हैं.
दर्जनभर घरों में हाथी ने किया हमला
जशपुर के एकमात्र बादलखोल अभ्यारण्य क्षेत्र में दंतैल हाथी ने आतंक मचा रखा है. यहां के बछरांव गांव में हाथी दर्जनों घरों पर हमला कर चुका है. पिछले दस दिनों में हाथी के हमले से एक महिला की मौत हो चुकी है और दो महिलाएं अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही है. हालात इस कदर भयावह हो चुके हैं कि ग्रामीण हाथी के हमले के डर से घर की छतों पर तंबू डालकर रहने को मजबूर हैं.

हाथी के हमले से जशपुर के लोग काफी परेशान है.
एक हाथी ने किया नाक में दम
बादलखोल वन अभ्यारण्य क्षेत्र के बछरांव में एक दंतैल हाथी लगातार ग्रामीणों के घरों को निशाना बना रहा है. हाथी घर में लगे दरवाजे को तोड़कर अचानक लोगों पर हमला कर रहा है. लोगों के अनुसार दंतैल हाथी जिन घरों पर हमला कर चुका है, उन्हीं घरों को बार-बार निशाना बना रहा है. इसके कारण ग्रामीण अब घर की छतों का सहारा ले रहे हैं.
एलिफेंट कॉरिडोर की योजना केवल फाइलों में
गौरतलब है कि जशपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में शासन की एलिफेंट कॉरिडोर बनाने की योजना फाइलों में धूल खा रही है. वहीं हाथी के हमले से लगातार ग्रामीणों की मौत हो रही है. ग्रामीणों में वन अमले के खिलाफ इस कदर आक्रोश है कि हाथी पर अब ग्रामीण खुद हमला कर रहे हैं.

घरों के ऊपर तंबू लगाकर ऐसे रात गुजारने को मजबूर है लोग.
ग्रामीणों का आरोप है कि जंगल से लगे गांव में हाथी से सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है. वन विभाग के पास हाथी को भगाने का कोई उपाय नहीं कर रहा है और जब ग्रामीण हाथी को भगाने के लिए उस पर हमला करते हैं तो वन विभाग उन पर कार्रवाई करने की बात करता है. वहीं डीएफओ जाधव श्रीकृष्ण हाथी की समस्या से निजात दिलाने जल्द पुख्ता इंतजाम करने की बात कह रहे हैं.