वैसे तो छत्तीसगढ़ के बस्तर जिजे के दरभा का नाम लेने से ही जहन में झीरम नरसंहार की घटना की याद ताजा हो जाती है. दरभा इलाका आज भी नक्सलियों के लिए सुरक्षित गढ़ माना जाता है. चूंकि दरभा पूरी तरह से अतिसंवेदनशील इलाका है और इस इलाके में केवल नक्सली ही नहीं एक और समस्या यहां अपना कहर फैला रही है. इस समस्या से निपटने प्रशासन कवायद कर रहा है.
दरभा नदी-नालों और घने पहाड़ो से घिरा हुआ इलाका है और यहां पर ऐसे मच्छर पनपते हैं, जो काफी खतरनाक होते हैं. कुछ दिन पहले बस्तर जिले में जापानी बुखार के कहर से एक बच्चे की मौत हो गई थी. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सभी गांवो में शिविर लगाकर जांच शुरू कर दिया और जापानी बुखार के मरीजों के साथ साथ मलेरिया के भी काफी मरीज पॉजिटिव पाये गये हैं.
23 मरीज मलेरिया पॉजिटिव
मलेरिया के मरीज सामने आने के बाद से बस्तर में स्वास्थ्य अमला सतर्क होने का दावा कर रहा है और सभी मलेरिया पीडि़त ग्रामीणों के सैंपल लेकर जांच शुरू करने की बात कही जा रही है. जिले के सीएमओ देवेन्द्र नाग ने न्यूज18 को बताया कि दरभा में अब तक 23 मरीज मलेरिया के पॉजिटिव पाये गये हैं, जिसमें बच्चे, पुरुष और महिला शामिल हैं. इनका इलाज विभाग ने शुरू कर दिया है और पूरे दरभा इलाके में कैंप लगाकर जांच की जा रही है.