कभी तालाबों के नाम पर जाने जाना ऐतिहासिक नगर पंचायत बस्तर जहां कभी ग्रामीणों के अनुसार 7 कोड़ी 7 आगर यानी 147 तालाब जो की रियासत कालीन थे। तालाबों की सहायता से ग्रामीण निस्तारी के साथ खेती का काम भी करते थे। ग्राम के ऐतिहासिक तालाबों में राजा तालाब, रानी तालाब आज भी लोगों को पुराने दिनों का स्मरण कराते हैं। यह वे तालाब हैं जो काकतीय राजाओं के वंशजों के द्वारा बनाए गए थे। राष्ट्रीय राजमार्ग से लगा हुआ लगभग 6 एकड़ का नरोना तालाब आज भी 1951-52 में पदस्थ कलेक्टर आरपी नरोना के नाम पर जाना जाता है। उन्होंने ग्रामीणों के साथ श्रमदान कर इस तालाब का गहरीकरण कर जीर्णोद्धार किया जिसे लोग आज भी भूले नही है।
श्रमदान में मनोनीत विधायक स्वर्गीय सूर्यपाल तिवारी, सहादेव मांझी, पंडित गजाधर प्रसाद शुक्ल, चमरा मोकर्डम, कानाराम कश्यप चाटूराम नाग एवं शिवभजन तिवारी ग्रामीणों के प्रेरणास्त्रोत रहे। खास बात यह थी इस श्रमदान के अवसर पर तत्कालीन कलेक्टर आर पी नरोना पूरे समय स्वयं मौजूद रहकर कार्य को सम्पन्न करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आज समूचे गांव सहित पूरे क्षेत्र में आमजन इस तालाब को नरोना तालाब के नाम पर जानते हैं। नगर के गणमान्य नागरिक व पूर्व विधायक अंतुराम कश्यप ने बताया कि बस्तर के जन मानस में जिले के प्रथम कलेक्टर नरोना के प्रति काफी सम्मान है।
फिर शुरू हुआ तालाब का जीर्णोद्धार
नरोना सहित नगर पंचायत बस्तर के सभी तालाबों का एक बार फिर से जीर्णोद्धार का काम शासन की ओर से पिछले एक सप्ताह से शुरू कर दिया गया है जिससे लोगों में हर्ष है। नगर पंचायत बस्तर के सीएमओ वनीष दुबे ने बताया कि तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। अभी स्वीकृति नहीं मिली है पर कलेक्टर के निर्देश पर तहसीलदार की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। काम के आधार पर भुगतान किया जाना है। मजदूरी कलेक्टर दर पर दी जा रही है।



