नक्सल प्रभावति जिला नारायणपुर के किसान अमरूद, पपीता, केला, काजू के साथ अब आने वाले दिनों में रसीली लीची की खेती करने लगें है। जिले की जलवायु और वातावरण लीची के लिए उपर्युक्त होने के कारण किसान लीची की खेती में रूचि ले रहे है। इसका ताजा उदाहरण ओरछा विकासखण्ड मुख्यालय की एक मात्र सरकारी नर्सरी में देखेने को मिल रहा है।
उद्यानिकी विभाग की एक मात्र नर्सरी में कुछ साल पहले लीची उपज लेने का काम शुरू किया गया था। जिसका अनुकूल परिणाम अब देखने को मिल रहा है। नर्सरी में लीची के पेड़ रसीली लीची से लदे हुए है, जिससे स्थानीय लोगों के साथ ही दूरस्थ अंचल के अबूझमाडि़या और आस पास के किसान को लीची के पौधे लगाने के लिए प्रेरित हो रहे है।
कलेक्टर श्री पी.एस. एल्मा ने बुधवार को ओरछा मुख्यालय मे जाकर नर्सरी का अवलोकन किया। बरबस ही उनकी निगाह लीची से लदे पेड़ों पर जाकर ठिठक गई। उन्होंने अधिकारियों को अच्छी क्वालिटी के लीची के पौधों को तैयार करने को कहा। ताकि स्थानीय किसानों और बागवानी करने वाले लोगों को कम दाम पर पौधे उपलब्ध हो सकें।
उल्लेखनीय है कि घने जंगलों-पहाड़ों से घिरी इस नर्सरी में लीची के पौधों को तैयार करने के साथ ही नर्सरी से अबूझमाडि़यांें को आम के बारहमासी पौधे, कटहल, सीताफल, अमरूद पपीता, काजू और विभिन्न प्रकार के फूलों के साथ गुलाब आदि के पौधे उपलब्ध कराये जाते है। अब यहां के किसान पारम्परिक खेती के साथ फल और फूलदार पौधों की खेती कर आर्थिक रूप से सक्षम हो रहे है।