छत्तीसगढ़ में हुए लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के चुनाव में बस्तर में हुई बम्पर वोटिंग ने सूबे की सभी सियासी दलों की धड़कनें बढ़ा दी हैं. अब पार्टियां दूसरे और तीसरे चरण के चुनाव के लिए नए सिरे से रणनीति तैयार करने में जुटे हुए है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने अंतिम समय में अपनी रणनीति में एक बड़ा बदलाव किया है. लाल आतंक के बीच बस्तर लोकसभा सीट में हुई वोटिंग से राजनीतिक पार्टियों की नींदें उड़ गई है. सियासी गलियारों में इस वोटिंग प्रतिशत के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे है. पहले चरण के लिए पार्टियों ने जहां आदिवासी मतदाताओं को टारगेट कर चुनाव प्रचार किया. वहीं बढ़े वोटिंग परसेंट के बाद अब रणनीति में बड़ा बदलाव किया जा रहा है. बस्तर में चुनाव के बाद बीजेपी ने आवश्यक बैठक बुलाई और अंतिम रणनीति तमाम पदाधिकारियों से साझा की गई.
बीजेपी में हुई इस आवश्यक बैठक को लेकर पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि जरूरत के हिसाब से रणनीति में बदलाव किया जाता है. बीजेपी भी अंतिम समय में अपनी रणनीति बदल सकती है. वहीं बस्तर में बंपर वोटिंग को सरकार के खिलाफ गुस्सा बताते हुए कहा कि भीमा मंडावी की हत्या का आक्रोश लोगों में था इसलिए सरकार के खिलाफ गुस्से में लोगों ने वोटिंग की है. इधर कांग्रेस बस्तर में वोटिंग प्रतिशत बढ़ने की वजह मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अपील को बता रहे हैं, जिन्होने लाल आतंक के खिलाफ लोकतंत्र को जीताने की बात कही थी. वहीं बीजेपी की बदली रणनीति को लेकर कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी कितनी ही रणनीति बदल ले लोकसभा में सभी सीटें कांग्रेस के ही पक्ष में आ रही है.