नारायणपुर। जिला मुख्यालय से करीब 27 किमी दूर अबूझमाड़ के अति नक्सल प्रभावित कुंडला मतदान केंद्र में आजादी के बाद पहली मतदान करने के लिए हरीमरका के ग्रामीण आये है। सात दशक बाद मतदाता सूची में नाम जुड़ने के बाद ग्रामीणों ने नक्सल पाबंदी के बाद भी नवजात बच्चों के सात घने जंगलों और नदी नालों को पर कर अपना राष्ट्रधर्म निभया है।
ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के दौरान कई बार वोट डालने के लिए वह मतदान केंद्रों में आते थे लेकिन मतदाताओं की सूची में उनके गांव का नाम नही होने से वे वोट नहीं डाल पाते थे। वोट डालने के लिए नवजात बच्चे के साथ पहुंची बेलू वट्टी, रनोति दुग्गा और जगराते बाई ने बताया कि पहली बार वोट डालने का मौका मिला है।

गांव के विकास के लिए वोट करने की बात इन महिलाओं के द्वारा कही गई है। कुंडला मतदान केन्द्र में 440 मतदाताओं के नाम है। 11 बजे तक 54 फीसदी मतदान हो चुका है। जिसमे 120 पुरुषों और 140 महिलाओं ने मतदान किया है। यहां सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए है। मतदान करने आए अधिकांश लोगों को देश के प्रधानमंत्री का नाम नहीं मालूम है। कुछ ग्रामीण अभी भी रमन सिंह को मुख्यमंत्री बता रहे है।