छत्तीसगढ़ में बस्तर जिले के पहले सांसद मुचाकी कोसा के घर में न तो शौचालय है और ना ही प्रधानमंत्री आवास मिला है. आज भी उनका परिवार झोपड़ी में रह रहा है. बता दें कि उस गांव से दो और विधायक चुने गए हैं. बावजूद इसके सड़कें जर्जर हैं और मूलभूत सुविधाओं का अभाव भी है.
जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर और एनएच से करीब 10 किलोमीटर दूर इड़जेपाल गांव में बस्तर लोकसभा के पहले सांसद मुचाकी कोसा निवास करते थे. उनके पौते मुचाकी संतोष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके परदादा मुचाकि कोसा सांसद रह चुके हैं. मिली जानकारी के मुताबिक देश में पहली बार सन् 1952 चुनाव हुए थे, जिसमें निर्दलीय के रूप में मुचाकि कोसा प्रत्याशी थे. उनके खिलाफ कांग्रेस की सुरति किसतिया थी, लेकिन मुचाकि कोसा ने एकतरफा जीत हासिल की उन्हें कुल 1,77,588 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस की सुरति को महज 36,252 वोट मिले थे.
वहीं उनक बेटे देवा कोसा भी विधायक रह चुके हैं. आज दोनों इस दुनिया में नहीं है, लेकिन इंड़जेपाल में मुचाकि परिवार निवासरत है. मुचाकी कोसा के पोचे संतोष कुमार ने बताया कि उनके पांच भाई हैं, जिसमें सबसे बड़े जयराम हैं. वो 5 साल से गांव के सरपंच थे और 5 साल तक उनकी पत्नी गांव की सरपंच रही. इंड़जेपाल गांव में पांच पारे हैं. करीब एक हजार के आसपास यहां की जनसंख्या है. हालांकि गांव में आश्रम और स्वास्थ्य भवन जरूर बना हुआ है, लेकिन मुलभूत सुविधाओं का अभी टोटा है.
सबसे पहले सांसद और उनके बेटे विधायक होने के बावजूद मुचाकी कोसा का परिवार झोपड़ी में रह रहा है. उनके घर में न तो शासकीय शौचालय बना हुआ है और ना ही प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का घर. आज भी पूरा परिवार झोपड़ी में रह रहा है. संतोष ने बताया कि वो खेती-किसानी का काम करता है. वनोपज पर पूरा परिवार निर्भर है. संतोष ने बताया कि गांव में पेयजल की काफी समस्या है.