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उत्तर बस्तर कांकेर : बाल विवाह की रोकथाम में सहयोग करने की अपील

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प्रतिवर्ष 14 अप्रैल को राम नवमी एवं 7 मई को अक्षय तृतीया में बाल विवाह की आशंका बनी रहती है। जिसके पूर्णतः रोकथाम हेतु जिला प्रशासनद्वारा पुलिस विभाग,सभी अनुविभागीय अधिकारी, जनपद पंचायतों के मुख्यकार्यपालन अधिकारी तथा महिला एवं बाल विकास के परियोजनाअधिकारियों की समिति बनाई गई हैं। समिति द्वारा ग्राम पंचायत में सरपंच, सचिव, पंच व समस्त ग्रामवासियों से बाल विवाह रोकने हेतु सहयोगप्रदान करने की अपील की गई है। बाल विवाह के रोकथाम हेतु गांव में कोटवार को मुनादी करने के लिए कहा गया है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अजय शर्मा ने बताया कि एकीकृत बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास केेद्वारा बाल विवाह की रोकथाम हेतु ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति भी  गठित की गई है, जिनके द्वारा बाल विवाह सम्पन्न होने कीजानकारी मिलने पर तत्काल रोकथाम की कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने जिले वासियों से अपील किया है कि  ’’हम न तो बाल विवाह कराएंगे और नही बाल विवाह होने देंगे’’। श्री शर्मा ने कहा कि बाल विवाह सामाजिक कुप्रथा है जिसे जड़ से खत्म करने की आवश्यकता है। बाल विवाह बच्चों केअधिकारों का उल्लंघन है। बाल विवाह के कारण बच्चे पूर्ण और परिपक्व व्यक्ति के रूप में विकसित होने के अधिकार, अच्छा स्वास्थ्य, पोषण वशिक्षा पाने  के मूलभूत अधिकारों से वंचित हो जाते हैं।        कम उम्र में विवाह से बालिका का शारीरिक विकास रूक जाता है और गंभीर संक्रामक यौनबीमारियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है तथा उनके स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है। विवाह के कारण कम उम्र की मां और उसके बच्चें,दोंनों की जान और सेहत खतरे में पड़ जाती है। कम उम्र की मां के नवजात शिशुओं का वजन कम रह जाता है, साथ ही उनके सामने कुपोषण व खून कीकमी की भी आशंका बनी रहती है। बाल विवाह की वजह से बच्चे अनपढ़ और अकुशल रह जाते है, जिससे उनके सामने अच्छा रोजगार पाने औरआथर््िाक रूप से कमजोर होने की संभावना बनी रहती है। जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री शर्मा ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एंव वधु के माता-पिता, सगे- संबंधी, बराती यहां तक कि विवाह संपन्न कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनीकार्यवाही की जा सकती है और विवाह में शामिल होने वाले सभी व्यक्तियों को 1-1 लाख रूपये जुर्माना सहित 2 वर्ष की करावास तक हो सकता है।उन्होंने कहा कि बाल विवाह होने की सूचना ग्राम पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, पुलिस थाना, महिला एवं बालविकास के क्षेत्रीय अधिकारी,आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सरपंच, कोटवार एवं चाईल्ड हेल्प लाईन नंबर 1098 , महिला हेल्प लाईन नंबर 181 पर भी दी जासकती है।