राज्य सरकार मक्का की सरकारी खरीदी कर रही है। इस साल सरकारी खरीदी पर कोडागांव में लगने वाले मक्का प्रोसेसिंग यूनिट का असर बड़े पैमाने पर हो रहा है। हालत यह है कि कोंडागांव के साथ ही अन्य जिलों में मक्का उत्पादक किसान व्यापारियों और सरकारी रेट मक्का बेचने को तैयार नहीं है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी के अुनसार कोंडागांव में मक्का प्रोसेसिंग प्लांट लगने की तैयारियों के बीच इस साल कोंडागांव जिले के एक भी किसान ने मक्का नहीं बेचा है। इस साल सरकारी रेट 1700 रुपए प्रति च्ंिटल के रेट पर मक्का बेचने के लिए 2385 किसानों ने पंजीयन करवाया था। समर्थन मूल्य में हुई बढ़ोत्तरी के बाद जिले के किसानों ने 10 हजार 344 हेक्टेयर में लगी फसल को बेचने का पंजीयन करवाया है। ज्ञात हो कि पिछले साल इसी जिले के 1132 किसानों ने 4 करोड़ 91 लाख 93 हजार रुपए का मक्का बेचा था। वर्ष 2017-18 में मक्का की खरीदी सरकार ने 1425 रुपए प्रति च्ंिटल के रेट पर की थी। इस साल 1700 रुपए प्रति च्ंिटल के रेट पर की जा रही है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के विपणन अधिकारी आरबी सिंह ने कहा कि बस्तर संभाग में केवल बीजापुर जिले को छोड़कर अन्य जिलों के 96 केंद्रों में मक्का खरीदी की व्यवस्था की गई है। अब तक उम्मीद से काफी कम किसान केंद्रों में मक्का बेचने के लिए आए हैं।