नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के बस स्टैण्ड के पास सड़क किनारे चरण पादुका मरम्मत (मोची) का काम करने वाले श्री अश्वनी हठिलेकर ने छत्तीसगढ़ जनमन में खबर पढ़ी ‘‘अब शहरी क्षेत्र में मिला जमीन का मालिकाना हक’’ तो उसका चेहरा एकाएक खिल उठा। उनके पास कच्चा मकान तो है और पूरी ईमानदार से मकान का टैक्स भी पट्टाते आ रहे है। लेकिन जमीन का मालिकाना हक (पट्टा) नहीं होने के कारण उन्हंें पक्का मकान बनाने के लिए सरकारी सहायता का लाभ नहीं मिल पा रहा था। ‘‘जनमन’’ पेपर जमीन का मालिकाना हक की खबर पढ़कर उन्हें उम्मीद की किरण नजर आयी। अब उन्हें पट्टा मिलेगा और पक्का मकान बनाने के लिए सरकारी सहायता राशि का लाभ मिल पाएगा। नई सरकार के शहरी इलाकों में रहने वाले गरीब लोगों के लिए किये गए इस फैसले के लिए उन्होंने सरकार को तहेदिल से शुक्रिया कहा।
पूरी ईमानदारी और मेहनत, लगन के साथ लोगों की टूटे-फटे, जूते-चप्पल, बैंग समेत एवं अन्य चमड़े, रेगजीन प्लास्टिक वस्तुओं की बेहतर सिलाई कर उन्हें सवारने वाले अश्वनी ने कहा कि वे अपने हाथों के हुनर से जूते-चप्पलों को नई चमक और उन्हें नई जिन्दगी देने का काम 13 वर्ष की उम्र से कर रहे है। काम करते हुए उन्हें 20 वर्ष हो गये है। उनके परिवार में पत्नी के अलावा एक 12 वर्ष का बेटा है। रोज लगभग 200 रूपये कमा लेते है। टूटा-फूटा कच्चा मकान है नगर पालिका में पक्का मकान बनाने के लिए कई बार आवेदन किए लेकिन पट्टा न होने के कारण कोई सुनवाई नही हुई। इस कारण अब तक सरकारी योजनाओं का भी लाभ नहीं मिला।
लेकिन आज ‘‘जनमन‘‘ में अब शहरी क्षेत्र में मिलेगा जमीन का मालिकाना हक पढ़कर उनकी जिन्दगी में नया सवेरा हुआ। अब उन्हें लगने लगा है कि नई सरकार के आते ही उनका कच्चा मकान सरकारी सहायता से पक्के मकान में बदल जायेगा। उनका पक्के मकान का सपना साकार होगा। उन्होंने बताया कि समाचार पत्र जनसंपर्क के अधिकारी ने उन्हें पढ़ने के लिए दिया था। उन्होंने कहा कि समय-समय पर जनसंपर्क के अधिकारी-कर्मचारी उनके पास सरकारी जानकारियों की कई सामग्री लाकर देते रहे है।