मध्य प्रदेश के नक्सल विरोधी अभियान को भी बड़ी कामयाबी मिली है। यहाँ नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले में चार महिलाओं समेत दस कट्टर माओवादी कार्यकर्ताओं ने रविवार मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
अलग-अलग जिले समेत प्रदेशभर में जारी छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस के नक्सल विरोधी अभियान को बड़ी कामयाबी मिली है। एमएमसी जोन यानी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ बॉर्डर में सक्रिय, माओवादियों के केंद्रीय समिति के सदस्य और मोस्ट वांटेड माओवादी रामदेर ने 12 अन्य नक्सलियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है।
जानकारी के मुताबिक़ सभी नक्सली अपने हथियारों के साथ बरकट्टा थाने पहुंचे थे जहां पुलिस अफसरों को अपने हथियार सौंपते हुए उन्होंने समाज के मुख्यधारा में शामिल होने की इच्छा व्यक्त की। बताया जा रहा है कि, सभी आत्मसमर्पित माओवादियों को सरकार के पुनर्वास नीति के तहत राशि, रोजगार और सुरक्षा प्रदान की जाएगी। सीसी मेंबर रामदेर लम्बे वक़्त से इलाके में सक्रिय था। दूसरे आत्मसमर्पित नक्सली रामदेर को सरेंडर कराने के प्रयास में जुटे हुए थे, जबकि पुलिस ने भी आश्वासन दिया था कि, वे अपने साथियों के साथ जंगलों से बाहर आये। उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
बता दें कि, उत्तर बस्तर से नक्सलियों ने पहली बार किसी को सीसी मेंबर ( सेंट्रल कमेटी सदस्य) बनाया था तो वह रामदेर ही था। अपने प्रमोशन से पहले रामदेर DKSZC सदस्य के रूप में उत्तर बस्तर में काम कर रहा था। एक सीनियर पुलिस अफसर ने इसकी पुष्टि की थी।



